एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को प्लॉट का आवंटन 1982 में किया गया था। लेकिन प्लॉट पर निर्माण ना किए जाने पर 1996 में आवंटन रद्य कर दिया गया था। लेकिन 2005 में जब हरियाणा में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी तब यह प्लॉट 1982 की दरों पर ही पुनः आवंटित कर दिया गया। प्लॉट का पुनः आवंटन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने किया था। मुख्यमंत्री के बतौर भूपेन्द्र सिंह हुड्डा प्राधिकरण के अध्यक्ष थे।
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नेहरू-गांधी परिवार द्वारा नियंत्रित है। एजेएल को प्लॉट के पुनः आवंटन में प्राधिकरण के वित्तीय नुकसान को नजरअंदाज किया गया। प्लॉट के पुनः आवंटन में जमीन की प्रचलित दरों को आधार नहीं बनाते हुए 1982 की दरों पर ही आवंटन किया गया।
हरियाणा में वर्ष 2014 में सत्तारूढ हुई भाजपा सरकार ने यह मामला संज्ञान में आने पर पहले राज्य के सतर्कता ब्यूरों से जांच कराई और बाद में जांच सीबीआई को सौंप दी। चार्जशीट भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120बी और 420 के साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13-2 और 13-1 के तहत दायर की गई है।