डेरा सच्चा सौदा प्रबंध समीति द्वारा दूसरे गद्दीनशीन शाह सतनाम जी महाराज के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में पिछले एक माह से जरूरतमंदों को राशन, कपड़े आदि बांटने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। बीती 11 जनवरी को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में डेरा प्रमुख के विरूद्ध फैसले के दौरान प्रशासन डेरा सच्चा सौदा में जुटी संगत को न केवल घरों में वापस भेज दिया था बल्कि यहां किसी भी आयोजन पर रोक लगा दी थी।
सूत्रों की मानें तो आज डेरा सच्चा सौदा के पूरे घटनाक्रम को प्रदेश की राजनीति से जोड़ा जा रहा है। पूर्व समय के दौरान खुलकर भाजपा की मदद करने वाला डेरा सच्चा सौदा इस बार राजनीतिक मामले में मौन है लेकिन सिरसा के अलावा कैथल व जींद क्षेत्र में डेरा प्रेमियों की संख्या अधिक है। जींद उपचुनाव के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा व कांग्रेस में कांटे की टक्कर है। ऐसे में डेरा प्रेमियों की चुप्पी किसी के लिए भी राजनीतिक मुश्किलें बढ़ा सकती है।
सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार की सहमति के बाद सिरसा जिला प्रशासन ने बृहस्पतिवार की दोपहर डेरा सच्चा सौदा प्रबंध समीति को शुक्रवार को यहां शर्तों के साथ कार्यक्रम आयोजित करने की मंजूरी दी। जिसके बाद यहां सिरसा के अलावा आसपास के जिलों की ही संगत को आने की इजाजत दी गई। प्रबंध समीति ने यह इजाजत मिलते की खबर जैसे ही संगत को दी तो कुछ ही घंटों बाद डेरा प्रेमी सिरसा में जुटने शुरू हो गए।
प्रशासन द्वारा डेरा कमेटी को कार्यक्रमों का आयोजन करने की स्वीकृति दिए जाने के बाद शुक्रवार को सिरसा में न केवल नामचर्चा का आयोजन किया गया बल्कि जरूरतमंदों को राशन व कपड़े आदि बांटने के अलावा मैडिकल कैंप का भी आयोजन किया गया। इस आयोजन के माध्यम से जहां एक बार फिर से डेरा प्रेमियों ने शक्ति प्रदर्शन करके राजनीतिक दलों को बड़ा संदेश देने का प्रयास किया है वहीं जींद उपचुनाव से तीन दिन पहले सरकार द्वारा अचानक कार्यक्रमों के आयोजन की मंजूरी दिए जाने के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।