नियमानुसार किसी भी दोषी को उसके जुर्म की सजा सुनाए जाने के लिए यह जरूरी है कि वह सजा सुनाए जाने के समय न्यायाधीश के सामने हो। इस केस के तीन दोषी अंबाला जेल में भेज दिए गए हैं जबकि एक दोषी रोहतक की सुनारियां जेल में है। सुरक्षा की दृष्टि से उसे जेल से बाहर निकालना मुश्किल है। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि पहले की तरह फिर से सुनारियां जेल में सीबीआई की विशेष अदालत लगाई जाएगी और वहीं पर सजा सुनाई जाएगी।
दूसरी तरफ इस केस के तीन दोषी इस समय अंबाला जेल में बंद है। जिसके चलते अदालत अब यह निर्णय लेगी कि क्या अलग-अलग जगह पर सजा सुनाई जाए या फिर अंबाला जेल में भेजे गए तीन दोषियों को रोहतक ले जाकर सजा सुनाई जाए। इस मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा अपना पक्ष मजबूत करने के लिए हाईकोर्ट का सहारा भी लिया जा सकता है।