नए डीजीपी के नामों का पैनल तैयार करने के लिए बुधवार या बृहस्पतिवार को यूपीएसी की बैठक होनी है। बैठक में आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ ही हरियाणा के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, केंद्रीय गृह सचिव या उनके प्रतिनिधि और केंद्र सरकार का एक आइपीएस अफसर शामिल होंगे। चूंकि प्रदेश के साथ ही केंद्र में भी भाजपा की सरकार है, इसलिए डीजीपी की नियुक्ति में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की पसंद-नापसंद का पूरा ध्यान रखा जाना तय है। इसके मद्देनजर पद की दौड़ में शामिल सभी अफसरों ने मंत्रियों के साथ ही सरकार में पैंठ रखने वाले अपने आकाओं के यहां हाजिरी बढ़ा दी है।
डीजीपी का पैनल तैयार करने को अगर बैठक टली तो फिर संधू इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि 31 जनवरी को उन्हें सेवानिवृत्त हो जाना है। पुलिस आवास निगम के प्रबंध निदेशक परमिंदर राय भी इसी दिन उनके साथ रिटायर हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइंस के मुताबिक वही आइपीएस अफसर डीजीपी बनाया जा सकता है जिसके सेवाकाल में दो साल बचे हों। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने जिन दस अफसरों के नाम यूपीएससी को भेजे हैं उनमें चार ऐसे हैं जो अगले साल सितंबर तक रिटायर हो जाएंगे। हालांकि डीजीपी के लिए अन्य सभी शर्तें पूरी करने और बेहतर सेवाकाल वाले अफसरों को दो साल की समय सीमा में छूट दी जा सकती है।
सीनियर मोस्ट आइपीएस की सूची में शुमार आइटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल 31 अगस्त 2021 और राज्य मानवाधिकार आयोग में पुलिस महानिदेशक डॉ. केपी सिंह अगले साल 30 जून को रिटायर होने हैं। इसी तरह जेल महानिदेशक के सेल्वराज की रिटायरमेंट 31 जनवरी 2021 को है। तीनों अफसर डीजीपी की दौड़ में हैं। होम गार्ड के कमांडेंट जनरल डॉ. बीके सिन्हा इसी साल 30 सितंबर को रिटायर होने हैं। ऐसे में उन्हें डीजीपी बनाने की संभावनाएं कम हैं। मधुबन में महानिदेशक केके सिंधू 31 अगस्त 2020, राज्य सतर्कता ब्यूरो के महानिदेशक पीआर देव 30 सितंबर 2020, डीजीपी पुलिस मुख्यालय केके मिश्रा अगले साल 30 जून, इंटेलीजेंस ब्यूरो के संयुक्त निदेशक मनोज यादव 31 जुलाई 2025 और डीजीपी अपराध पीके अग्रवाल 30 जून 2023 को रिटायर होंगे।