scriptरूस-यूक्रेन युद्ध ! माइनस तापमान, खतरों भरा आसमान, घर पहुंचना ही अरमान | Minus temperature, dangerous skies, desire to reach home | Patrika News
सिरसा

रूस-यूक्रेन युद्ध ! माइनस तापमान, खतरों भरा आसमान, घर पहुंचना ही अरमान

सिरसा. यूक्रेन के कस्बा पीशोचीन से लवीव सरहद पहुंचने के लिए तीन निजी बसों से रवाना हुए भारतीय छात्रों के लिए -7 डिग्री सेल्सियस तापमान बाधा बना हुआ है। ट्रेवल एजेंसी से हुए करार के अनुसार शनिवार प्रात: 11 बजे लवीव सरहद पर इन बच्चों ने पहुंचना था। यूक्रेन में तापमान मेें गिरावट के चलते छात्रों को लेकर चली बस स्पीड नहीं पकड़ पा रही है।

सिरसाMar 06, 2022 / 01:08 am

satyendra porwal

रूस-यूक्रेन युद्ध ! माइनस तापमान, खतरों भरा आसमान, घर पहुंचना ही अरमान

रूस-यूक्रेन युद्ध ! माइनस तापमान, खतरों भरा आसमान, घर पहुंचना ही अरमान

बैठक आज, शांति मार्च आठ को
यूक्रेन से भारत के लिए सफर कर रहे छात्र-छात्राओं ने अभिभावकों को यह जानकारी दी। अधर में फंसे बच्चों के अभिभावक उनकी सकुशल वापसी के लिए घरों, मंदिरों व गुरुद्वारों में पूजा अर्चना कर रहे हैं।
इधर, वतन लौट चुके छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने हरियाणा के सिरसा नगर में अतंरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शांति मार्च निकालने का निर्णय किया है। इसमें शहर के लोग शिरकत करेंगे। अभिभावक रविवार को शहीद भगत सिंह स्टेडियम में बैठक करेंगे।
तीन वर्ष से यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा सिरसा का भारत बरनवाल परिवार का इकलौता बेटा है। उसने वतन लौटने के बाद बताया कि ‘प्राण बचे सो लाखों पायेÓ। बरनवाल ने बताया कि यूक्रेन से सिरसा लौटते वक्त अनेक अमानवीय यात्नाओं का सामना करना पड़ा। यूक्रेनी सेना का भारतीय छात्रों से सौतेला व अमानवीय व्यवहार वहां फंसे उसके दोस्त बता रहे हैं। शासन व प्रशासन के इंतजामात नाकाफी है।
25 घंटे तक यूक्रेनी सेना ने क्रॉस नहीं करने दिया बॉर्डर
भारत ने बताया कि वे विनिस्तिया से रोमानिया बॉर्डर पहुंचे। 25 घंटे तक उन्हें यूक्रेनी सेना ने बॉर्डर क्रॉस नहीं करने दिया गया। -5 डिग्री तापमान में भूखे प्यासे सरहद के पास बने कैफे में कुछ खाना चाहते थे, मगर सेना ने कुछ नहीं खाने दिया। इस दौरान दो बार बर्फ गिरी। उसके साथ पांच बसों में सवार होकर अनेक भारतीय छात्र आए थे। बाद में वे शेल्टर होम चले गए, जहां कुछ खाने पीने को मिला। यूक्रेनी सेना ने भारतीय छात्रों को सरहद पार करवाई। सरहद पर उन्हें रिसिव करने वाला कोई भारतीय नहीं था। काफी छात्र-छात्राएं पांच-छह किलोमीटर पैदल चलकर बूचारेस्ट एयरपोर्ट पहुंचे,यहां लंगर में कुछ खाने को मिला। इसके बाद हवाई मार्ग से दिल्ली पहुंचे, जहां से उसके कुछ दोस्त दूसरी फ्लाइट से अपने प्रदेशों को चले गए और वह बस में सवार होकर अद्र्धरात्रि मेँ सिरसा अपने घर पहुंचा। माता-पिता से मिलकर राहत मिली है।
मुख्यमंत्री से मिले बच्चे, मदद के लिए जताया आभार
चंडीगढ़. नारायणगढ़ व अम्बाला के 6 बच्चों व उनके परिजनों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से नारायणगढ़ में भेंट की। मुख्यमंत्री नारायणगढ़ के अम्बेडकर भवन में आयोजित मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना मेले का अवलोकन एवं निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने ‘मुख्यमंत्री शतोउद्यमी सारथी योजनाÓ शुरू करने की भी घोषणा की। कार्यक्रम के उपरान्त बच्चे अभिषेक वर्मा, हर्ष, अभिनव, निधि, अमान व आशीष व उनके परिजनों ने मुख्यमंत्री से भेंट की और बातचीत के दौरान कहा कि यूक्रेन से आने में केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार व प्रशासन ने उनकी बहुत मदद की है।

Home / Sirsa / रूस-यूक्रेन युद्ध ! माइनस तापमान, खतरों भरा आसमान, घर पहुंचना ही अरमान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो