रामपाल प्रकरण में हरियाणा सरकार को खासी फजीहत झेलनी पड़ी थी। उसके बाद दो बार हुए जाट आरक्षण आंदोलन में भी हरियाणा सरकार को खासी दिक्कतें पेश आई थी। अब राम रहीम के मामले में हरियाणा सरकार को चौथी बड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है। इस परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को राम रहीम के संबंध में फैसला आने के बाद ही आएगा।
सरकार के लिए शुक्रवार से आगामी तीन दिन बेहद चुनौतीपूर्ण रहेंगे। आज से तीन दिन तक सरकार को हर दिन बड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। इस अवधि के दौरान सरकार को अपनों तथा परायों से चुनौती मिलेगी। 25 अगस्त को जहां डेरा मुखी के मामले में फैसला आ रहा है वहीं 26 अगस्त को कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद एवं जाट आरक्षण का विरोध कर रहे राजकुमार सैनी जाटलैंड का मुख्य गढ़ माने जाने वाले झज्जर में अपने समर्थकों की रैली कर रहे हैं।
इस रैली को कामयाब करने के लिए सैनी समर्थक पिछले कई दिनों से प्रदेश स्तर पर अभियान चला रहे हैं। हालांकि झज्जर जिला प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से धारा 144 लागू कर रखी है। इसके बावजूद सैनी समर्थक इस आयोजन को जाट व गैर जाट के दृष्टिकोण से देख रहे हैं। 27 अगस्त को जाट नेता यशपाल मलिक झज्जर में रैली करने जा रहे हैं।
मारपीट की घटना के बाद यशपाल मलिक भले ही भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन जींद में हुए घटनाक्रम के बाद यह उनकी पहली रैली है। इस रैली को लेकर जाट समुदाय के लोगों ने पूरी ताकत झौंक रखी है। इस रैली में जाट समुदाय के फिर से कोई बड़ा फैसला लिए जाने के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में सरकार को आगामी तीन दिन तक कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
क्या हैं डेरा मुखी के अगले कदम की संभावनाएं
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख आज सीबीआई कोर्ट में आने के लिए सिरसा से सडक़ मार्ग को चुन सकते हैं। वह कैथल,पिहोवा,अंबाला, लालडू,डेराबस्सी, जीरकपुर होते हुए पंचकूला पहुंच सकते हैं।
डेरा मुखी पेशी के लिए हवाई मार्ग भी चुन सकते हैं। ऐसा होता है तो सरकार हवाई सुरक्षा से उन्हें खुद कोर्ट में ला सकती है। इसके लिए हवाई मार्ग पर तीन लाइनों को तत्काल प्रभाव से आरक्षित रखा जाएगा।
अगर फैसला डेरा मुखी के विरूद्ध आता है तो उन्हें सीबीआई कोर्ट से जेल भेजा जा सकता है। ऐसे में डेरा समर्थकों द्वारा उत्पात मचाए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
फैसला अगर डेरा मुखी के समर्थन में आता है तो सीबीआई के वकील तथा जांच अधिकारियों के लिए मुसीबतें बढ़ सकती हैं।