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सिरसा डेरा सच्चा सौदा मामले में सरकार ने क्यों दिखाई नरमी?

हिंसा पर दर्ज मामले में रामरहीम का नाम ही नहींआलोचकों के निशाने पर है फिर हरियाणा की भाजपा सरकार

सिरसाJan 05, 2020 / 05:47 pm

Chandra Prakash sain

गुरमीत राम रहीम ने चली एक और चाल, अचानक वापस ली अपनी पैरोल याचिका

गुरमीत राम रहीम

सिरसा/चंडीगढ़. हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ नरमी बरतने के जो आरोप पिछली भाजपा सरकार पर लगाए जाते थे वे भाजपा के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार पर भी लगाए जा रहे है।
मामला 25 अगस्त 2017 को पंचकूला मै हुई हिंसा से जुड़ा है। पहले तो यह दलील दी जाती थी कि गुरमीत राम रहीम के समर्थकों को पंचकूला में जमा होने की इजाजत देकर सरकार ने गुरमीत के साध्वी बलात्कार मामले में अदालत से बरी हो जाने के लिए भूमिका रची थी और जब अदालत ने गुरमीत को दोषी करार दे ही दिया तो भीड़ को हिंसा करने का मौका दिया गया।
अब सरकार में खिलाफ इसी मामले मै ताजा दलील यह उठाई जा रही है कि पंचकूला में 25 अगस्त 2017 को हुई हिंसा को लेकर दर्ज की गई एफआईआर में कही भी गुरमीत राम रहीम का नाम दर्ज नहीं किया गया। यह गुरमीत की ओर सरकार का नरम रुख है। गुरमीत के खिलाफ पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति हत्याकांड में गवाही देने वाले खट्टा सिंह ने पंचकूला हिंसा से जुड़ी एफआईआर में गुरमीत का नाम शामिल करने के लिए पंचकूला की जिला अदालत में याचिका दायर की है। जिला अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए सरकार को नोटिस जारी कर 18 जनवरी तक जवाब मांगा है। खट्टा सिंह ने साथ ही अपने लिए सुरक्षा की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि उन्हें कई तरीकों से धमकी दी जा रही है।
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