ममता शुक्ला का आरोप है कि रिटर्निंग ऑफिसर बृजपाल सिंह ने सत्ता पक्ष की भाजपा प्रत्याशी सरिता के समर्थन में सोमवार को चुनावी जनसभा करने आ रहे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय के कार्यक्रम के चलते उन्हें रैली की परमिशन नहीं दी, जबकि कस्बा इंचार्ज धनंजय सिंह के द्वारा उनके आवेदन को चार दिन पहले ही रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में अग्रसारित किया जा चुका था। बावजूद इसके रिटर्निंग ऑफिसर ने महोली इंस्पेक्टर मथुरा राय पर दबाव बनाकर आवेदन की आख्या में बैक डेट में फेरबदल करा दिया।
सत्ता पक्ष के दबाव में रिटर्निंग ऑफिसर ने दिया परमिशन इस पूरे मामले को लेकर ममता शुक्ला ने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा दी गई निर्देशिका में सामान्य आचार संहिता की धारा 9 में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि राजनीतिक प्रचार-प्रसार और रैलियों के लिए प्रांगण सहित शैक्षणिक संस्थाओं (सरकारी सहायता प्राप्त निजी अथवा सरकारी संस्थाएं हों) के उपयोग पर प्रतिबंध है। उसके बावजूद भी रिटर्निंग ऑफिसर बृजपाल सिंह ने कस्बे के कृषक इंटर कॉलेज में सत्ता पक्ष की प्रत्याशी के दबाव में हजारों छात्र-छात्राओं के शिक्षण कार्य को बाधित करते हुए चुनावी रैली करने की अनुमति दे दी है।
आचार संहिता का उल्लंघन है इस संबंध में निर्दलिय प्रत्याशी ममता ने राज्य निर्वाचन आयुक्त और भारत निर्वाचन आयोग को फैक्स करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी को भी अपना शिकायती पत्र भेजा है। चुनावी प्रचार के लिए कस्बे के अर्ध सरकारी कॉलेज का प्रयोग करने पर जब जिला विद्यालय निरीक्षक राजा भानुप्रताप सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार के लिए कॉलेज का प्रयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। फ्लाइंग स्क्वायड टीम के प्रभारी करवेन्द्र सिंह ने भी माना है कि यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है और किसी भी कॉलेज या स्कूल में चुनावी बैठक या रैली नहीं की जा सकती।