न ही आये डॉक्टरों के पद और न मिले उपकरण चार साल पहले इस ट्रामा सेंटर के भवन का निर्माण शुरू होते ही यहां कब वांशिदों को आस जगी थी कि अब गंभीर बीमारियों के लिए लखनऊ दौड़ना नही पड़ेगा और उन्हें सीतापुर में ही सभी सुविधाएं मिल जाएंगी। ट्रामा सेंटर के निर्माण के बाद यहां पर डॉक्टरों के पदों पर सृजन के लिए कवायद शुरू की गयी लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही। जानकारी के मुताबिक इस ट्रामा सेंटर के निर्माण के दौरान यह लक्ष्य रखा गया था कि इससे सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई के वांशिदों को सुविधाएं मिलेंगी लेकिन इस सपना अभी भी हकीकत नही हो सका हैं। यहां के माननीय नेताओं ने भी प्रभारी मंत्री से भी कई बर्फ आग्रह किया लेकिन इसका कोई नतीजा नही निकल सका। इस ट्रामा सेंटर से जिले की तकरीबन 50 लाख आबादी सपने संजोय बैठी हैं।
स्वास्थ्य महकमा ने बताई हैरान करने वाली वजह सीएमओं आर. के.नैय्यर का कहना हैं कि ट्रामा सेंटर को शुरू करने के लिए अभी चिकित्सकों की पोस्टिंग नही हो सकी हैं और ट्रामा सेंटर में रखे जाने वाले उपकरण की भी अभी खरीद नही हो सकी हैं। इसी वजह से ट्रामा को शुरू करने में विलंभ हो रहा हैं।