उत्तर रेलवे ट्रैक को पहले ही मीटरगेज से ब्रॉडगेज में तब्दील किया जा चुका है। उसके बाद से ऐशबाग वाया सीतापुर-लखीमपुर-मैलानी-पीलीभीत ट्रैक के आमान परिवर्तन की मांग की जा रही थी। पहले चरण में लखनऊ से सीतापुर के बीच मई और दूसरे चरण में सीतापुर से मैलानी तक अक्तूबर 2016 में रेल यातायात पर ब्रेक लगा दिया गया था। इसके बाद लखनऊ (ऐशबाग) से पीलीभीत के बीच 207 किमी. बिछाई गई मीटर गेज की लाइनों को ब्रॉडगेज में बदलने की जिम्मेदारी रेलवे ने रेल विकास निगम (आरवीएनएल) (Rail Vikas Corporation RVNL) को सौंपी थी। दो चरणों में आमान परिवर्तन का काम शुरू भी कर दिया गया। पहले चरण में ऐशबाग से सीतापुर के बीच 80 किलोमीटर रेलखंड का आमान परिवर्तन करीब 350 करोड़ की लागत से शुरू हुआ। इसके बाद सीतापुर से मैलानी के बीच 67 किलोमीटर रेलखंड के आमान परिवर्तन का काम करीब 211 करोड़ से शुरू किया गया। लखनऊ से सीतापुर के बीच काम पूरा होने पर जनवरी 2019 में बड़ी लाइन की ट्रेनों का संचालन शुरू किया जा चुका है। जबकि सीतापुर से लखीमपुर तक रेल संचालन शुरू नहीं किया जा सका है।