बतादें कि राबर्ट्सगंज सीट भाजपा ने सहयोगी दल अपना दल एस को दिया है। यहां से अद. ने पकोड़ी लाल कोल को उम्मीदवार बनाया है। वहीं एसपी-बीएसपी-आरएलडी ने संयुक्त प्रत्याशी भाई लाल कोल को प्रत्याशी बनाया है। दलित बाहुल्य इस सीट पर बसपा कैडर काफी मजबूत माना जाता है। कई बार इनकी एकता ने राष्ट्रीय दलों को मात देने का काम किया है। ऐसे में सपा के खाते में गई इस सीट को किसी भी हाल में अखिलेश यादव जीतना चाहते हैं।
इसलिए बनाया पारस नाथ को प्रभारी
बातचीत में सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया की बसपा के साथ गठबंधन होने के कारण यहां पर कैडर वोट सपा गठबंधन प्रत्याशी को मिलेगा। वहीं पारस नाथ को प्रभारी बनाये जाने के पीछे सपा की सोच है कि किसी भी हाल में सपा के मूल वोट की पोलिंग पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में कराई जाए ताकि हार का जोखिम न रह सके।
सपा के बड़े नेताओं में है पारस नाथ की गिनती पारस नाथ यादव की गिनती पूर्वांचल के बड़े नेताओं में होती है। जब भी सपा की सरकार होती है इनका मंत्री बनना तय माना जाता है। यादवों और पिछड़ी जातियों में पारस नाथ की खासी पकड़ मानी जाती है। इन्हा वोटों के आधार पर वो कई बार सपा का परचम लहराने में सफल होते रहे हैं। पार्टी को लग रहा था कि वो इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकते हैं इसलिए उन्हे प्रभारी बना दिया गया।