पिछड़ा, आदिवासी, वनवासी बाहुल्य नक्सल प्रभावित जनपद सोनभद्र में सरकारी व्यवस्थाएं किस तरह कार्य कर रही है इसकी एक बानगी तब देखने की मिली जब परिषदीय विद्यालयों में निःशुल्क वितरित करने के लिए सरकारी किताबों को एक ठेले पर लाद कर कबाड़ी वाले को राहगीरों ने ले जाते हुए देखा, उत्सुकतावस राहगीरों ने पूछ लिया कि सरकारी किताब कहाँ लेकर जा रहे हो ततपश्चात जो जवाब मिला उसे सुनकर आप भी दंग रह जायेंगे, राजन नाम के कबाड़ी ने बोला की उसने ये सब तीन सौ रूपये में ख़रीदा है। सरकार चाहे कितनी महत्वाकांक्षी योजनाए चलाए लेकिन अगर जरूरत मंदो तक योजनाएं न पहुँच सके तो योजनाएं स्वतः ध्वस्त हो जाती है। इसी प्रकार का एक मामला चोपन ब्लाक के ओबरा नगर में सर्वशिक्षा अभियान से जुड़ा सामने आया है। उ0 प्र0 सरकार द्वारा बच्चों को बाटी जाने वाली निःशुल्क हजारो किताबो को किसी अध्यापक ने कबाड़ वाले के हाथ चंद तीन सौ रुपयों में बेचकर शर्मसार कर दिया। वही शिक्षा बिभाग के ही कुछ लोग घिनौनी हरकत कर सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाओं पर पानी फेरने में लगे हुए है। वही इस मामले की सूचना पाकर शिक्षा विभाग के कुछ लोग मौके पर आकर बिकी हुई पुस्तको को ले जाकर श्रवण कुमार ब्लाक संसाधन केंद्र प्रभारी ने चोपन कार्यलय में सुरक्षित रख लिया है।
बतातें चलें कि ये सभी किताबें पिछले सत्र 2016-17 की हैं जिनमे कक्षा एक, दो, तीन चार व कक्षा पांच की किताबें शामिल है। अब सवाल उठता है कि बच्चों के भविष्य के लिए ज्ञान रूपी ये किताबे किस कारणवश नहीं बाटीं गई थीं।