सोनभद्र में छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में हाथियों के आतंक से दहशत कोई नई बात नहीं। पर इस बार हाथियों ने कुछ ज्यादा ही आतंक मचा रखा है। हाथियों का उत्पात तो दहशत में 10 नवंबर को तब बदल गया जब वो रिहायाशी इलाकों में पहुंच गए और वहां जमकर आतंक मचाया। 11 नवंबर की रात हाथियों ने ड्रमरहर निवासी राजेन्द्र गोंड की जान ले ली। 22 हाथियों के झुंड लगातार इलाके में तहस-नहस करता रहा। कई घरों को भी तबाह कर दिया। हालत ये हो गयी कि ग्रामीणों को रात में जागकर मशाल जुलूस तक निकालने के लिये मजबूर होना पड़ा है। रविवार की रात भी जिस राजेन्द्र गोंड को हाथियों ने मार डाला वह जंगल के पास अपने चचेरे भाई को हाथियों के प्रति सचेत करने ही जा रहा था।
वन विभाग और पुलिस की टीम ने काफी कोशिश की, लेकिन हाथियो के आतंक से इलाके को छुटकारा नहीं मिल सका। इसके आद अब महकमे ने हाथियों के भगाने के लिये शेर की आवाज का सहारा लिया है। वन विभाग और पुलिस कीसंयुक्त टीम लगातार 24 घंटे दो शिफ्ट इलाके में गश्त कर रही है। इसके साथ ही अब वन विभाग ने डीजे पर शेर की आवाज बजवाना शुरू कर दिया है। दोनों शिफ्टों में लगातार डीजे पर शेर दहाड़ता रहा, दावा किया गया है कि शेर की आवाज के चलते हाथियों का झुंड गांव की ओर नहीं आया। उधर गांव वालों का कहना है कि अगर यह अक्ल वन विभाग को पहले आ गयी होती तो मरने वाला राजेन्द्र गोंड आज जिंदा होता और इतनी तबाह न होती।
By Santosh