जी हां बतादें कि सोनभद्र जिले में कनहर नदी पर बांध का निर्माण किया जा रहा है। इसी बीच किसी ने ये अफवाह फैलाई कि कनहर नदी पर बन रहे बांध की ऊंचाई बढ़ाई जा रही हैं जिससे छत्तीसगढ़ के कई गांव डूब सकते हैं। इसी को लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीति शुरू हो गई । कुछ खबरें मीडिया में आने के बाद एवं छत्तीसगढ़ में फैली जन चर्चाओं से हरकत में आयीं छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व गृह मंत्री एवं राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम एवं छत्तीसगढ़ शासन के प्रभारी मंत्री भैयालाल राजवाड़े अपने रामानुजगंज /बलरामपुर के शासन प्रशासन के साथ सोमवार को करीब साढ़े बारह बजे अमवार पहुँचे ।
अमवार कनहर बांध के स्थलीय निरीक्षण पर आए राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम की टीम को कनहर परियोजना के अधिशासी अभियंता ई. हेमन्त वर्मा ने बताया कि कनहर बांध की उचाई एवं लम्बाई चौड़ाई में कोई परिवर्तन नही की गई है। उन्होंने बताया कि शुरू से ही कनहर बांध की उच्चाई 39.9 मीटर हैं जो आज भी है । उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन को पुनर्वास पैकेज के लिए 70 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि भेज दी गई है ।
राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने परियोजना के अधिशासी अभियंता से जानकारी प्राप्त करने एवं परियोजना की सीडी देखने के बाद कहा कि छत्तीसगढ़ में बांध की उचाई बढ़ने को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है जो गलत है। इतना ही नहीं उन्होने साफ तौर पर कहा कि हम पूरी तरह से इस अफवाह की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि कनहर परियोजना देश हित में है। इस परियोजना के बनने से केवल यूपी का ही जलस्तर नहीं बढ़ेगा बल्कि बांध बनने से छत्तीसगढ़ और झारखण्ड का भी जलस्तर भी बढ़ेगा। साथ ही सिंचाई के लिए पानी आसानी से उपलब्ध हो सकेगा। जब पानी होगा तो गांवों में हरियाली आएगी ।
अंत में वापस जाते समय राज्यसभा सांसद की पूरी टीम ने कनहर बांध स्पेलवे का स्थलीय निरीक्षण किया और इंजीनियरों से आवश्यक जानकारी हासिल करने के बाद छग लौट गए । बता दें कि इसके पूर्व 28 मई को छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह कनहर परियोजना अमवार आए थे। और इनका अमवार दौरा करने को लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीति गरमा गई थी। यह अफवाह फैलाई जाने लगी की कनहर बांध की उचाई बढ़ाई जा रही हैं। जिससे छग के लगभग 20 गांव डूबने वाले हैं और छत्तीसगढ़ सरकार खामोश पड़ी हुई है।