सुखने के दहलीज के कागार पर है कैमूर वन्य जीव विहार से सटे बलुई बंधी मे पानी न होने से सैचूरी एरिया के जंगली वन्य जीव प्राणियों पालतू जानवरों पंक्षियो लिए भारी जल संकट खड़ा हो गया है जिससे सुखाग्रस्त जनपद घोषित होने के बावजूद सिंचाई व बंधी प्रखड उदासीन बना हुआ है जिससे वन्य जीव पालतु जानवर प्यासे मर रहे है वही सैचुरी एरिया होने के कारण वन्य जीवों का सहारा एक मात्र बलुई बंधी है वही बलुई बंधी से जुड़े मारकुंडी,सलखन राजावाहा,कुरूहुल राजवाहा व केवटा व मारकुंडी माइनर से जुड़े मारकुंडी, अवई,सलखन,कुरूहुल,केवटा, बेलकप,चिरूहुली अदलगंज, रजधन,पईका,भभाईच, बेलदहां, आदि गांवों के किसानों का कहना है कि सोन पम्प नहर न चलने से मुख्य नहर व बलुई बंधी से सटे गांवों में अकाल की स्थिति उत्पन्न हो गयी है पहली बार अधिकारीयो के मनमानी से जनपद में सूखा ग्रस्त होने के बावजूद व भीषण गर्मी के मई माह सोन पम्प न चालू करा कर दो माह से मछली मारने के उद्देश्य से मिटनेन्स
कार्य का बहाना बाजी कर बलुई बंधी में पानी को बहाया व सोन पम्प नहीं चालू कराया जा रहा है।
जब सोन पम्प कैनाल परियोजना का मुख्य उद्देश्य पशु पक्षीयो व जंगली जानवरों, किसानों को के लिए समर्पित परियोजना रही है जबकि हर वर्ष प्राथमिकता के आधार पर मई माह के पूर्व बलुई बंधी में फुल कर पुरी क्षमता से राजवाहा व माइनर संचालित होती रही है जिससे वन्य जीव,पशु पक्षी व पालतू गाय भैस आदि जानवर अपनी प्यास बुझा सके वहीं इस वर्ष सुखा ग्रस्त होने के बावजूद बलुई बंधी में पानी न होने से अक्सर बलुई बंधी से सटे कैमुर वन्य जीव के प्राणी अक्सर पानी के तलास मे आबादी के और रूख करने लगे जिससे कोई न कोई हादसे के शिकार हो जाते है जिससे उनकी असमायिक मौते हो जाते है पहली बार सिंचाई विभाग के अधिकारी के मनमानी व उदासीनता से सोन पम्प को बंद कर बंधी का पानी बहा कर सुखा दिया गया जिससे ठेकेदारों द्वारा लाखों रूपयो की मछलियाँ मारी जा सके,क्षेत्रिय किसान व ग्राम प्रधान मारकुंडी श्रवण कुमार गुप्ता का आरोप है कि मैने सुखा ग्रस्त को देखते हुए आस-पास के किसानों व वाटर लेबिल काफी खिसक जाने से लोगों की समस्याओं का संज्ञान लेकर पूर्व मे सिंचाई विभाग के जेई को अवगत करा दिया था यदि समय रहते सोन पम्प चालू करा दिया गया होता तो यह समस्या आज उत्पन्न नही होती वही मारकुंडी निवासी वरिष्ठ समाजसेवी राजकुमार यादव उर्फ”कवि जी” का कहना है कि यदि जल्द सोन पम्प नहीं संचालित हुई तो आस-पास की स्थिति और बिनाशकारी होगी आस-पास क्षेत्रों में नहर का पानी न छोड़ जाने से लोगों के आम जन जिवन में काफी प्रभाव पड़ा है जो लोग नहर से पानी ला कर अपनी रोज मर्रा का कार्य करते थे वह पानी लाने के लिए काफी दूर पैदल चल कर जाने के लिए मजबूर है व15 जून के आस -पास धान की नर्सरी डालने का समय होता है ऐसे में सोन पम्प चालू व बलुई बंधी में पानी नहीं छोड़ गया तो धान की नर्सरी डालने का का कार्य प्रभावित होगा मारकुंडी निवासी किसान कल्लु मोर्या का कहना है कि सोन पम्प नहर न चलने व बलुई बंधी में पानी न भरने के कारण कई पशुओं की प्यासे मौत हो चूकी है वही वन्य प्राणी अक्सर आबादी के आस-पास आ जाते है वही किसान अशोक कुमार का कहना है कि ओबरा बाँध खण्ड के जेई व बंधी खण्ड रार्बट्सगंज के जेई के मिलीभगत के कारण ऐसा हो रहा है वही ओबरा बाँध खण्ड के जेई मुन्ना ने अपने ऊपर लगे आरोपों का इनकार करते हुए कहाँ की बंधी खण्ड के जेई के नो डिंमाड के कारण सोन पम्प की नहर नहीं चालू कराई गयी डिमाड आते ही सोन पम्प चालू कर दी जाएगी वही ओबरा बाँध खण्ड के सहायक अभियंता आर के सांवत का कहना है कि सोन पम्प के फोर स्टेट पर मेन्टिनेन्स का कार्य होने के नाते बंद किया गया जबकि बंधी प्रखड रार्बट्सगंज के सहायक अभियंता अनिल मिश्र का कहना है कि सलखन माइनर का गेट की रिपेयरिग का कार्य चल रहा है दो से तीन दिन के अंदर बलुई बंधी में पानी की डिंमाड कर बलुई बंधी को भर दिया जाएगा जिससे किसानों व वन्य जीवों को राहत मिलगी।
रेंजर वन्य जीव प्रभाग गुर्मा रेंज के बलवन्त सिंह का कहना है कि सोन पम्प नहर व बलुई बंधी से सटे पहाड़ी व जंगल के रास्ते से सायं डलते वन्य जीव भारी जैसे हिरण,नीलगाय जंगली भालू, साम्भर कुछ दुर्लभ वन्य जीव संख्या में चलकर सोन पम्प नहर व बलुई बंधी में पानी पिने के लिए अक्सर आते है ऐसे में सोन पम्प व बलुई बंधी में पानी न होने के कारण वन्य प्राणियों के लिए खतरे की घंटी है।
BY- Santosh Kumar