लाखों बच्चे इस रोग के प्रति हुए असुरक्षित: खसरा खासतौर पर छोटे बच्चों को प्रभावित करता है और कभी-कभी उनके लिए जानलेवा भी साबित होता है। इसके कारण 2021 से 2022 तक होने वाली मौतों में वैश्विक स्तर पर 43 फीसदी की वृद्धि हुई। हालांकि कोरोना महामारी की असफलताओं के बाद पिछले साल खसरा टीकाकरण कवरेज में कुछ सुधार हुआ। लेकिन निम्न आय वाले देशों में कवरेज में गिरावट आई और वैश्विक स्तर पर लाखों बच्चे इस रोग के प्रति असुरक्षित हो गए। वहीं दुनिया का कोई भी क्षेत्र खसरा उन्मूलन के लिए दोनों डोज के 95 फीसदी के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया।
कम आय वाले देशों में मृत्यु का जोखिम ज्यादा: पिछले साल 37 देशों में व्यापक स्तर पर खसरे का प्रकोप फैला, जिनमें से अधिकांश अफ्रीका में थे। कम आय वाले देशों में जहां खसरे से मृत्यु का जोखिम सर्वाधिक है, यहां टीकाकरण दर केवल 66 फीसदी के साथ सबसे कम बनी हुई है। 2022 में खसरे के टीके की पहली खुराक लेने से वंचित रह गए बच्चों में से आधे से अधिक सिर्फ 10 देशों अंगोला, ब्राजील, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, भारत, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, नाइजीरिया, पाकिस्तान और फिलीपींस में रहते हैं।
एक्सपर्ट व्यू:
खसरे के प्रकोप और मौतों में वृद्धि चौंकाने वाली है, लेकिन दुर्भाग्य से पिछले कुछ वर्षों में टीकाकरण दरों में गिरावट को देखते हुए यह अप्रत्याशित नहीं है। ये मामले उन सभी देशों और समुदायों के लिए खतरा पैदा करते हैं, जहां टीकाकरण कम होता है। खसरे की बीमारी और मौतों को रोकने के लिए तत्काल लक्षित प्रयास जरूरी हैं।
जॉन वर्टेफ्यूइल, वैश्विक टीकाकरण प्रभाग के निदेशक, सीडीसी
प्रमुख देश जहां नहीं मिली पहली खुराक
नाइजीरिया- 30 लाख बच्चे
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य- 18 लाख बच्चे
इथियोपिया- 17 लाख बच्चे
भारत- 11 लाख बच्चे
पाकिस्तान- 11 लाख बच्चे