एक साथ सवा दो सौ न्यायिक अधिकारियों-कर्मचारियों को क्यो होना पड़ा होम क्वॉरंटीन
लॉकडाउन व ग्रीष्मावकाश के बाद नियमित सुनवाई के लिए खुली अदालतों के पहले दिन ही जोधपुर में न्यायिक कार्य प्रभावित हो गया। जिला एवं सत्र न्यायालय के 224 न्यायिक अधिकारियों व कर्मचारियों को कोरोना जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आने तक होम क्वॉरंटीन रहने को कहा गया है। ऐसे में सोमवार को जिला अदालत परिसर में पहले ही दिन छुट्टी सा माहौल नजर आया
राजस्थान उच्च न्यायालय का हैरिटेज भवन
जोधपुर. जोधपुर के कुछ न्यायिक अधिकारियों व कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय के 224 न्यायिक अधिकारियों व कर्मचारियों को सोमवार को होम क्वॉरंटीन कर दिया गया। चिकित्सा विभाग ने इन सभी की कोरोना जांच की है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरसिंहदास व्यास ने जांच रिपोर्ट आने तक इन सभी को होम क्वॉरंटीन रहने के निर्देश दिए हैं।
जोधपुर के चार न्यायिक अधिकारी व एक कर्मचारी के कोरोना पॉजीटिव आने के बाद रविवार को एडीआर सेंटर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिविर लगाकर न्यायिक अधिकारियों-कर्मचारियों के सैंपल लिए गए। चिकित्सा विभाग ने इन सभी अधिकारियों को रिपोर्ट नेगेटिव आने तक होम क्वॉरंटीन रखने का अनुरोध किया था। इस पर सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आदेश जारी कर सभी २२४ न्यायिक अधिकारियों-कर्मचारियों को रिपोर्ट आने तक होम क्वॉरंटीन रहने को कहा है।
पहले दिन ही छुट्टी का माहौल
लोकडाउन के बाद सभी अदालतें में सिर्फ अतिआवश्यक मामलों की सुनवाई हो रही थी। अनलोक-१ में सोमवार से सभी जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में नियमित सुनवाई होनी थी, लेकिन पहले ही दिन कोर्ट परिसर में छुट्टी सा माहौल रहा। अदालतों में अधिकांश कमर्चारियों व वकीलों के नहीं पहुंचने से सूनापन नजर आया।
नहीं हो सकी थी शिफ्टिंग भी
राजस्थान उच्च न्यायालय की मुख्यपीठ झालामंड स्थित नए भवन में स्थानांतरित हो जाने से मुख्यपीठ के खाली पड़े हैरिटेज भवन में जिला अदालतें लगाने की तैयारी भी कोरोना के कारण अटक गई। हाईकोर्ट प्रशासन ने हैरिटेज भवन के कोर्ट रूम जिला अदालतों के लिए आवंटित भी कर दिए थे और इनमें सोमवार से जिला अदालतें लगनी थी। मगर, कोरोना के कारण ऐनवक्त पर इसके लिए आयोजित होने वाला औपचारिक कार्यक्रम आगामी आदेश तक टाल देना पड़ा।
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