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मिकी माउस के कानों की ऐसी लोकप्रियता पालतुओं की सर्जरी करा रहे चीनी

कॉस्मेटिक सर्जरी के दौरान श्वानों और बिल्लियों के कानों को मिकी माउस की तरह बनाना, टेल डॉकिंग (कॉस्मेटिक कारणों या संभावित चोट को रोकने के लिए श्वानों की पूंछ को आंशिक या पूरी तरह से हटाना) या उनके फरों को रंगना आदि शामिल है।

Dec 28, 2023 / 12:12 pm

Kiran Kaur

मिकी माउस के कानों की ऐसी लोकप्रियता पालतुओं की सर्जरी करा रहे चीनी

मिकी माउस के कानों की ऐसी लोकप्रियता पालतुओं की सर्जरी करा रहे चीनी

बीजिंग। चीन में अपने पालतुओं के कान मशहूर डिज्नी कैरेक्टर मिकी माउस जैसे कराने के लिए लोग बढ़-चढ़कर उनकी प्लास्टिक सर्जरी करा रहे हैं। लेकिन प्रमुख पशु विशेषज्ञ इस खतरनाक प्रवृत्ति को बंद करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि इससे जानवरों को शारीरिक पीड़ा और मनोवैज्ञानिक परेशानी होती है। कॉस्मेटिक सर्जरी के दौरान श्वानों और बिल्लियों के कानों को मिकी माउस की तरह बनाना, टेल डॉकिंग (कॉस्मेटिक कारणों या संभावित चोट को रोकने के लिए श्वानों की पूंछ को आंशिक या पूरी तरह से हटाना) या उनके फरों को रंगना आदि शामिल है।
डॉग केनेल, प्रजनन सुविधा केंद्रों में सर्जरी अधिक:

पशु प्रेमियों का विरोध उस समय और तेज हो गया जब दक्षिण-पश्चिमी चीन के चोंगकिंग के बेइबेई जिले में एक पालतू क्लिनिक के विज्ञापन ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। इस विज्ञापन में पशुओं की कॉस्मेटिक सर्जरी के लिए 40 डॉलर के आकर्षक ऑफर की पेशकश की गई थी। हालांकि यह प्रक्रिया चीन में वैध है, लेकिन बड़े शहरों के प्रतिष्ठित पशु अस्पताल शायद ही कभी पालतू जानवरों पर इस प्रकार की सर्जरी करते हैं। डॉग केनेल और प्रजनन सुविधा केंद्रों में ऐसी सर्जरी अधिक की जाती हैं।
दो सख्त प्रक्रियाओं से गुजरते हैं जानवर:

बीजिंग में लविंग केयर इंटरनेशनल पेट मेडिकल सेंटर के डीन लियू युंडोंग के अनुसार इसमें दो तरह की प्रक्रिया शामिल होती हैं। पहली में कान के कुछ हिस्सों को सर्जिकल रूप से हटाया जाता है, जिसमें आधे घंटे का समय लगता है। इस दौरान जानवर को एनेस्थीसिया से भी गुजरना पड़ता है। उसके बाद दूसरे स्टाइलिंग चरण में कानों को सीधा रखने के लिए आकार देना शामिल होता है, जिसमें 20-60 दिन तक का समय लगता है। पशुचिकित्सकों ने पालतू जानवरों को शारीरिक दर्द, मनोवैज्ञानिक परेशानी और एनेस्थीसिया के जोखिम का हवाला देते हुए इस प्रथा के प्रति अपना कड़ा विरोध जताया है।
किस बात का सबसे ज्यादा डर : विशेषज्ञों के अनुसार कानों की प्राकृतिक संरचना को नुकसान पहुंचाने से कुछ पालतू जानवरों में मनोवैज्ञानिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। जैसे कुछ संवेदनशील पालतू जानवर अत्यधिक दर्द के कारण बार-बार खरोंच सकते हैं।

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