धोखाधड़ी के प्रयासों में सालाना हो रही 30% की वृद्धि: साइबर अपराधी अक्सर धोखाधड़ी की एक श्रृंखला लेकर आते हैं। इसलिए कुछ ही हफ्तों में नए तरह के घोटाले नजर आने लगते हैं। एक बार जब कोई स्कैम पुलिस द्वारा पकड़ लिया जाता है, तो साइबर अपराधी नई धोखाधड़ी शुरू कर देते हैं। एशिया में 2020 के बाद से धोखाधड़ी के प्रयासों में हर साल लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दक्षिणपूर्व एशिया में घोटाले की गतिविधियों में तेजी आई है। ज्यादातर स्कैम, कॉल और टेक्स्ट संदेशों के माध्यम से हो रहे हैं जबकि सोशल मीडिया, इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप, बढ़ती इ-कॉमर्स साइट और डिजिटल विज्ञापन जैसे प्लेटफॉर्म धोखाधड़ी की गतिविधियों के केंद्र बन रहे हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का सहारा लेते अपराधी: साइबर अपराधी, फर्जी निवेश योजनाओं के प्रति लोगों को लुभाने के लिए वीडियो या विज्ञापनों में प्रभावशाली हस्तियों के चेहरे का इस्तेमाल करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कर रहे हैं। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सोशल मीडिया से जुड़ी पीढ़ी मोबाइल और सहयोगी उपकरणों पर इतनी निर्भर है कि वे संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने या महत्त्वपूर्ण जानकारी ऑनलाइन साझा करने से जुड़े जोखिमों के प्रति असंवेदनशील हो गई है। इस क्षेत्र में ‘पासवर्ड रीसे’ साइबर अपराधियों के लिए किसी भी बैंक खाते में सेंध लगाने का सबसे आम तरीका बन गया है।
अपराधों के प्रकार सरकारें उठा रहीं कदम