scriptसावधान! ऑनलाइन जेब काटने वाले आपकी जेब पर भी फेर सकते हैं हाथ, विश्वास नहीं होता तो पढि़ए पूरी खबर | Beware of online fraud, Cheating online | Patrika News
नागौर

सावधान! ऑनलाइन जेब काटने वाले आपकी जेब पर भी फेर सकते हैं हाथ, विश्वास नहीं होता तो पढि़ए पूरी खबर

दिल्ली व हरियाणा की गैंग लूट चुकी 30 लाख से अधिक रुपए, पूछताछ में हुए कई चौंकाने वाले खुलासेलालच में न आएं, पेटीएम केवाईसी अपडेट करवाने सहित अन्य झांसे में आकर अपनी जानकारी न बांटे

नागौरFeb 13, 2020 / 10:49 am

shyam choudhary

Cheating online

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नागौर. ऑनलाइन ठगी का कारोबार फल-फूल रहा है। शातिर ठग अलग-अलग तरीके से जिले सहित प्रदेश-देश में टॉवर लगाने, लोन देने एवं पेटीएम केवाईसी अपडेट करवाने के नाम पर ठगी का धंधा जोरों पर है। आए दिन जिले के थानों में ऑनलाइन ठगी की वारदातें दर्ज हो रही हैं। ठगी की वारदातों को लेकर विशेष अपराध एवं साइबर टीम अलर्ट भी जारी करती है, लेकिन जागरुकता के अभाव एवं लालच में लोग अपनी जमा पूंजी गंवा बैठते हैं। जिले के विभिन्न थानों में पिछले कुछ दिनों में दर्ज हुए ऑनलाइन ठगी के मामलों की कहानी जानने पर ऐसा लगता है कि लालच में आकर की गई जरा सी लापरवाही आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
साइबर विशेषज्ञों ने बताया कि जालसाज लोगों को फोन कर वॉलेट बंद करने की बात से डराकर बैंक सम्बन्धी जानकारी चुरा लेते हैं। ओटीपी या तो मोबाइल मैसेज या आइवीआर सिस्टम के माध्यम से यूजर से जानकारी निकलवा लेते हैं।
ऐसे डराते हैं – 24 घंटे में पेटीएम बंद
आजकल पेटीएम से लोगों के पास मैसेज आ रहे हैं कि आपकी केवाईसी खत्म हो रही है। 24 घंटे में पेटीएम बंद हो जाएगा। चालू रखने के लिए किसी मोबाइल नम्बर पर बात करने के लिए कहा जाता है। इसके बाद ठग आपके मोबाइल पर प्ले स्टोर से कोई एप इंस्टॉल करने के लिए कहता है। एप इंस्टॉल करने से मोबाइल हैक कर लिया जाता है, ताकि खाते से रुपए निकाल सकें। इसलिए किसी अनजान व्यक्ति को कोई ओटीपी नहीं बताएं। न ही किसी के कहने पर कोई एप अपने मोबाइल पर इंस्टॉल करें।
क्या है आइवीआर सिस्टम
आइवीआर यानी इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स एक ऐसी स्वचालित टेलीफोन प्रणाली है, जिसमें यूजर के की-पेड से नम्बर एंटर करवाकर उसको प्रोसेस किया जाता है। जब भी हम किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर के कॉलसेंटर पर कॉल करते हैं तो वो हमारी च्वॉइस आइवीआर सिस्टम में लेकर उसको प्रोसेस करते हैं।
कैसे लेता है नम्बर
फोन के की-पेड पर मौजूद हर नम्बर की एक विशेष टोन होती है, जिसे ड्यूल टोन मल्टी फ्रिक्वेंसी अर्थात डीटीएमएफ सिग्नल्स कहते हैं। आइवीआर सिस्टम इन्हीं सिग्नल्स को डिकोड कर नम्बर का पता लगाता है।
एटीएम बदलकर रुपए निकालने के मामले भी खूब

गत 7 जनवरी को शहर के लौहारपुरा निवासी शबनम सतार पत्नी अख्तर हुसैन ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि उसने ‘क्लब फैक्टरी’ नाम के एप से एक लेडिज सूट व लेडीज घड़ी ऑर्डर की थी। निर्धारित समय पर डिलीवरी नहीं होने उसने 6 जनवरी को मोबाइल नंम्बर 6351026122 पर फोन किया, जिस पर उसे कहा कि आपके दिए गए पते पर डिलीवरी नहीं होगी। इसके लिए आपको एक एप्लीकेशन प्ले स्टोर से डाउनलोड करनी होगी, जिस एप का नाम ‘एनी डेस्क’ है। उसे ऑपन करके उसमें अपने डेबिट कार्ड की डिटेल डालनी होगी। फिर एक ओटीपी आपके मोबाइल नंबर पर आएगा। महिला द्वारा ऐसा करने पर उसके बचत खाते से 70 हजार 948 रुपर निकाल लिए।
किसी प्रकार के लालच में न आएं
ऑनलाइन ठगी किसी भी प्रकार से हो, चाहे बैंक का अधिकारी बन कर, एटीएम ब्लॉक होने के सम्बन्ध में कॉल करने, एलआईसी एजेंट बनकर कॉल करने, आपकी पॉलिसी के सम्बन्ध में ज्यादा पैसे देने को लेकर कॉल करने अथवा ओएलएक्स पर सस्ते दामों पर सामान बेचने का झांसा दिया जाए, इन सभी ठगों द्वारा मुख्य रूप से इंसान के अंदर के डर अथवा लालच को इस्तेमाल कर शोषण किया जाता है। अत: किसी भी कॉल, मेल या संदेश पर अपनी बैंक की जानकारी अथवा अनजान लोगों द्वारा लालच देने पर किसी के भी बैंक खाते में पैसा आदि जमा न कराएं।
– डॉ. विकास पाठक, पुलिस अधीक्षक, नागौर
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