घटनाएं उच्चतम स्तर तक बढ़ीं इस साल: कोविड-19 महामारी और कम रिपोर्टिंग दर के कारण 2020-2022 के बीच मामलों में गिरावट आई। लेकिन डेंगू की घटनाएं 2023 में ऐतिहासिक रूप से उच्चतम स्तर तक बढ़ गईं। विश्व में इस साल 50 लाख से अधिक मामले और वायरस से 5,000 मौतें हुई हैं। जलवायु परिवर्तन से जुड़ी अधिक वर्षा, आर्द्रता और गर्मी ने डेंगू वायरस के प्रसार का खतरा बढ़ाया है। साथ ही कमजोर स्वास्थ्य प्रणालियों और खराब निगरानी ने भी इसमें भूमिका निभाई है।
कमजोर और संघर्ष प्रभावित देशों में प्रकोप: इस साल ब्राजील, अर्जेंटीना, पैराग्वे और पेरू में दुनियाभर में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए। पेरू में ऐतिहासिक संख्या में मामले सामने आने के बाद कुछ क्षेत्रों में आपातकाल की स्थिति घोषित करनी पड़ी। इसके अलावा फ्रांस, इटली और स्पेन जैसे दक्षिणी यूरोप के पूर्व में डेंगू मुक्त जैसे देशों में भी वायरस के स्थानीय संचरण की सूचना मिली। डेंगू का प्रकोप अफगानिस्तान, पाकिस्तान, सूडान, सोमालिया और यमन जैसे कमजोर और संघर्ष प्रभावित देशों में भी कहर बरपा रहा है।
केरल और पूर्वोत्तर राज्यों में मामलों में वृद्धि: डब्ल्यूएचओ के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के 11 सदस्य देशों में से 10 को डेंगू वायरस के लिए एंडेमिक ( किसी स्थान या लोगों के समूह में फैलने वाली बीमारी जिससे छुटकारा पाना मुश्किल हो सकता है) माना गया है। गत वर्ष की तुलना में 2023 में बांग्लादेश और थाईलैंड में बड़ी तादाद में डेंगू के मामले सामने आए। इस वर्ष नवंबर तक बांग्लादेश में 2022 में रिपोर्ट किए गए 62,382 मामलों की तुलना में आंकड़ा 3,08,167 तक पहुंच गया। इसी तरह थाईलैंड में 300 फीसदी से अधिक की वृद्धि देखी गई। जबकि भारत में 2023 में पिछले वर्ष के मुकाबले केरल और बांग्लादेश की सीमा से लगे पूर्वोत्तर राज्यों में मामलों में इजाफा हुआ।
2023 में डेंगू का डंक