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हनुमानगढ़

पुलिसिया अंदाज में समझाने पर माने सीसीआई अफसर

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हनुमानगढ़. काफी संघर्ष के बाद मंगलवार को आखिरकार सीसीआई के अधिकारी कपास की सरकारी खरीद करने को तैयार हो गए। दोपहर बाद मंडी समिति और सीसीआई के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से जंक्शन मंडी क्षेत्र में सरकारी बोली लगाने की प्रक्रिया शुरू की।
 

हनुमानगढ़Oct 08, 2019 / 08:09 pm

Purushottam Jha

पुलिसिया अंदाज में समझाने पर माने सीसीआई अफसर

पुलिसिया अंदाज में समझाने पर माने सीसीआई अफसर

पुलिसिया अंदाज में समझाने पर माने सीसीआई अफसर
-कपास की सरकारी बोली शुरू होने पर अब किसानों को राहत मिलने के आसार
-नमी जांचने वाली मशीन में गड़बड़ी की आशंका के चलते खरीद में आ रही बाधा
हनुमानगढ़. काफी संघर्ष के बाद मंगलवार को आखिरकार सीसीआई के अधिकारी कपास की सरकारी खरीद करने को तैयार हो गए। दोपहर बाद मंडी समिति और सीसीआई के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से जंक्शन मंडी क्षेत्र में सरकारी बोली लगाने की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद किसानों का आक्रोश कम हुआ। इससे पूर्व दोपहर तीन बजे तक किसान कपास से भरी ट्रेक्टर-ट्रालियों के साथ कलक्ट्रेट के समक्ष डटे रहे। इस दौरान कई दौर की वार्ता हुई। मगर सीसीआई अधिकारियों की ओर से नमी के नियमों का हवाला देने के कारण खरीद शुरू करने पर सहमति नहीं बन सकी। कई दौर की वार्ता विफल रहने के बाद टाउन थाना प्रभारी नंदराम भादू व जंक्शन थाना प्रभारी धीरेंद्र सिंह शेखावत ने सख्त लहजे में सीसीआई अधिकारियों से कहा कि चार दिन से हम कानून व्यवस्था संभाले हुए हैं। आप लोगों की जिद के चक्कर में किसानों के साथ पुलिसकर्मी भी तंग हो रहे हैं। इस दौरान दोनों पुलिस अफसरों ने किसानों के साथ सहानुभूति का रवैया अपनाते हुए कपास की सरकारी खरीद तत्काल शुरू करने की बात सीसीआई अधिकारियों से कही। पुलिस अफसरों के साथ ही एसडीएम कपिल यादव भी सीसीआई अधिकारियों से बार-बार खरीद शुरू करने की बात दोहराते रहे। वहीं नियमों का हवाला देकर सीसीआई अधिकारी खरीद शुरू करने में नानुकर करते रहे। घंटो तक समझाइश के बाद दोनों थानों के प्रभारियों ने जब पुलिसिया अंदाज में अधिकारियों को समझाया तब जाकर सीसीआई के अधिकारी कपास की सरकारी खरीद शुरू करने को तैयार हुए। कलक्ट्रेट के समक्ष हुई वार्ता में इस बात पर सहमति बनी कि सीसीआई अधिकारी सभी ट्रालियों की नमी जांचेंगे। इस दौरान औसत नमी के आधार बोली लगाकर किसानों को भुगतान किया जाएगा। इस आश्वासन के बाद किसान ट्रालियां लेकर मंडी के लिए रवाना हो गए। वार्ता के दौरान एसडीएम कपिल यादव, सीसीआई के खरीद अधिकारी गुरदीप सिंह, मंडी समिति चैयरमेन रामेश्वर चांवरिया, मंडी समिति सचिव सीएल वर्मा, माकपा नेता रघुवीर वर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।
७१ में २३ ट्रालियां ओके
दोपहर तीन बजे बाद सीसीआई अधिकारियों ने नरमा-कपास की नमी जांचने की प्रक्रिया शुरू की। सीसीआई के खरीद अधिकारी गुरदीप सिंह ने बताया कि मंगलवार को कुल ७१ ट्रालियां कपास की बिकने के लिए आई। इनमें नमी जांचने पर २३ ट्रालियों में नमी ८ से १२ प्रतिशत तक मिली। जबकि शेष ट्रालियों में १३ से १९ प्रतिशत तक नमी मिली। जिन ट्रालियों में बारह प्रतिशत तक नमी मिली है, उन किसानों को आधार कार्ड, बैंक खाता व गिरदावरी साथ लाने के लिए कहा गया है। बुधवार को आवश्यक दस्तावेज साथ लाने पर सभी प्रक्रिया पूर्ण करके किसानों को निर्धारित अवधि में भुगतान किया जाएगा।
नमी के फेर में उलझा मामला
कलक्ट्रेट के समक्ष हुई वार्ता से पूर्व दोपहर बारह बजे मंडी समिति परिसर में किसान प्रतिनिधियों व अधिकारियों की वार्ता हुई। इस दौरान सीसीआई अधिकारियों ने सुबह ग्यारह बजे के करीब एक ट्रॉली में कपास की नमी जांची तो एक ही प्वाइंट पर नमी जांचने पर पहली बार में १४.४, दूसरी बार में १२.६ व तीसरी बार में १५.६ प्रतिशत नमी दर्ज की गई। एक ही जगह पर अलग-अलग रीडिंग मिलने से किसान आक्रोशित हो गए। मौके पर किसानों ने नमी जांचने वाली मशीन की विश्वनीयता पर सवाल खड़े कर दिए। इसके बाद नारेबाजी करते हुए सभी कलक्ट्रेट की तरफ ट्रालियां लेकर रवाना हो गए।
किसान पानी मिलाकर नहीं लाता
कलक्ट्रेट के समक्ष धरना लगाकर बैठै किसानों ने कहा कि किसान इतना बेइमान नहीं हुआ है। वह कपास में पानी मिलाकर नहीं लाता। ऊपर वाले ने मौसम ऐसा बना दिया कि नमी ज्यादा आ रही है। इस हालत में अफसरों को चाहिए कि वह अपने विवेक का इस्तेमाल करके कपास की सरकारी खरीद शुरू करवाएं। जिससे किसानों को राहत मिल सके। कुछ किसानों ने आरोप लगाया कि सीसीआई अधिकारी व्यापारियों के साथ मिले हुए हैं। इसलिए अधिकारी बोली लगाने से कतरा रहे हैं।
मशीनों में गड़बड़ी का आरोप
माकपा नेता रघुवीर वर्मा ने आरोप लगाया कि सीसीआई के अधिकारी जिस मशीन को लेकर नमी जांच रहे हैं, वह विश्वनीय नहीं है। एक ट्रॉली में अलग-अलग नमी मिलने की बात अधिकारी कह रहे हैं। जो खुद ही मशीन की विश्वनीयता पर सवाल खड़े करती है। किसान नेता लगातार मशीनों में गड़बडी होने का आरोप लगा रहे हैं। व्यवस्थित तरीके से कपास खरीद शुरू नहीं करने की स्थिति में किसानों ने आगे आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
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