नलिनी ने शेखर को कहा था कि यह देश की सुरक्षा का सवाल है, केजीपी का एक जासूस देश की खुफिया जानकारी दुश्मनों को देना चाहता है और मसला नौ दो ग्यारह का होता है। ओपेरा हाउस से शुरू हुई कहानी का अंत भी वहीं होता है। कलाकारों ने जिस तरह से स्टेज पर रखे प्रॉप्स को यूज किया गया, वह काफी सराहनीय रहा। वहीं लाइव म्यूजिक की प्रस्तुति किसी कॉन्सर्ट से कम नहीं थी।
चार कोट से व्यवस्थाओं पर करारा व्यंग्य रंगायन सभागार में निर्देशक सुदेश व्यास के निर्देशन में एवी कमल के लिखित नाटक ‘चार कोट’ की प्रस्तुति हुई। नाटक के जरिए व्यवस्थाओं पर करारा व्यंग्य किया गया। इसमें व्यवस्था के प्रति आम आदमी के छिपे दर्द को हास्य के माध्यम से दर्शकों तक पहुंचाने का सफ ल प्रयास किया गया। इसमें चिकित्सा, पुलिस और राजनीति के क्षेत्र में व्याप्त खामियों को प्रतीक बनाकर सिस्टम में आई खामियों दर्शाया गया। नाटक में बताया कि जिस तरह एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है, ठीक वैसे ही चंद गलत आदमियों की वजह से सभी को बदनाम होना पड़ता है। नाटक का उद्देश्य किसी की छवि खराब करना नहीं, बल्कि उन चंद भ्रष्ट लोगों की भ्रष्टता को उजागर करना है। जिसकी सजा पूरा समाज भुगत रहा है। चार कोट, जो जनता की सेवा अथवा सुरक्षा के प्रतीक है, लेकिन वास्तव में आम आदमी उनसे सहमा हुआ है या उनसे बचने का प्रयास करता है। तंत्र की व्यवस्था में जकड़े हुए आदमी की भावनाओं को किस तरह ‘काम में लो और फेंक दो’ की भांति इस्तेमाल किया जाता है और आम साथ ही आम आदमी के हितार्थ बनाई गई व्यवस्था को उसी के नजरिए से देखने का एक प्रयास है।
‘अ मोमेंट ऑफ साइलेंस’ समारोह की शुरुआत में अंग्रेजी भाषा के सोलो एक्ट प्ले ‘अ मोमेंट ऑफ साइलेंस’ खेला गया। नाटक इमान्यूल ओर्टिज की लिखी कविता है। इस कविता का नाट्य रूपांतरण एवं निर्देशन केवल कार्तिक छापरवाल ने किया । कार्तिक ने इसके अलावा अपने एकल अभिनय से भी कथानक को जीवंत किया। प्रस्तुत नाटक उपनिवेश वाद तथा उसके बाद के प्रभावए साम्राज्यवाद, आंतकवाद और उससे पनपे युद्ध व प्राकृतिक जातिवाद एवं सरंचनात्मक हमलो के साथ ही साथ उसकी हिंसा की चर्चा करता है।
……………….. डिटेक्टिव… के कुछ डायलॉग -इस दुनिया में इंसान वही करता है, जो ऊपर वाला उससे करवाता है।
– नामुकिन तो कुछ भी नहीं, जो मुमकिन है वह सब हो रहा है। जो हुआ है ना इत्तेफाक है, ना किस्मत और जो होगा, वो ही हो रहा है।
-असली मनोरंजन इज टाइमलैस