वित्तीय संकट से जूझती कंपनियां घटा रहीं श्रमबल: दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था संपत्ति-क्षेत्र की समस्याओं, निवेश में गिरावट, अनिश्चित निर्यात संभावनाओं और भू-राजनीतिक तनाव सहित प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझ रही है। ऐसे में चीन में वित्तीय संकट का सामना कर रही कंपनियों को अपने कार्यबल घटाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। चीन में ऑनलाइन रिक्रूटमेंट प्लेटफॉर्म जिलियन झाओपिन के अनुसार यहां के 38 प्रमुख शहरों में औसत मासिक वेतन पिछले साल की चौथी तिमाही में 1.3 प्रतिशत कम हो गया, जो 2016 के बाद से सबसे बड़ी तिमाही गिरावट थी।
साल की पहली तिमाही खराब होने की राह पर: चीन का निजी क्षेत्र जो स्थानीय सकल घरेलू उत्पाद में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है, शहरी नौकरियों में उसकी हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से अधिक है और यह खासतौर से छोटे व मध्यम आकार के व्यवसायों से बना है, को आर्थिक संकट में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यही दौर जारी रहा तो बड़ी संख्या में निजी कंपनियां व्यवसाय से बाहर हो सकती हैं, जिससे बेरोजगारी को बढ़ावा मिलेगा। 2023 के मुकाबले इस साल की पहली तिमाही खराब होने की राह पर है क्योंकि आर्थिक मंदी और विशेष रूप से देश के रियल एस्टेट संकट से बाजार पर दबाव बढ़ रहा है और स्थिरता का कोई संकेत नहीं है।
भर्ती सेवाओं से जुड़ी कंपनियों में भी छंटनी : कमजोर जॉब मार्केट का एक और प्रभाव यह है कि भर्ती सेवाओं को स्वयं कर्मचारियों की कटौती का सामना करना पड़ा है। चीन के सबसे बड़े कॉर्पोरेट-डाटाबेस ऑपरेटरों में से एक किचाचा के आंकड़ों के अनुसार ह्यूमन रिसोर्सेज और हेडहंटिंग से संबंधित सेवाएं देने वाली नई स्थापित कंपनियों की संख्या पिछले साल के अंत तक गिरकर 5,800 हो गई, जो 2019 में 41,200 और 2020 में 25,100 थी।
चीन की युवा-बेरोजगारी दर (16-24 वर्ष)
2018- 11
2019- 11
2020- 13
2021-13
2022-15
2023-17 स्रोत: राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो, चीन