scriptकैलादेवी से लौटते वक्त टेम्पो में सो रहे थे श्रद्धालु… ट्रैक्टर-ट्रॉली ऐसे बनी जान की दुश्मन | Devotees were sleeping in a tempo while returning from Kailadevi… tractor-trolley became the enemy of their lives | Patrika News
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कैलादेवी से लौटते वक्त टेम्पो में सो रहे थे श्रद्धालु… ट्रैक्टर-ट्रॉली ऐसे बनी जान की दुश्मन

राजस्थान के करौली जिले के राजौर गांव के बस्सीपुरा के पास सोमवार सुबह करीब सवा पांच बजे ट्रैक्टर-ट्रॉली ने टेम्पो में टक्कर मार दी।

करौलीApr 16, 2024 / 12:33 pm

Lokendra Sainger

प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान के करौली जिले के राजौर गांव के बस्सीपुरा के पास सोमवार सुबह करीब सवा पांच बजे ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर से टेम्पों में सवार एक जने की दर्दनाक मौत हो गई और 10 जने घायल हो गए। पाटोली (करणपुर) जिला दौसा के श्रद्धालु कैलामाता के दर्शन कर टेम्पो से वापस लौट रहे थे। मृतक टीकम जोगी (32) पुत्र सूबेदार की मौके पर ही मौत हो गई। घायलों को मामचारी थाना पुलिस ने करौली के सामान्य चिकित्सालय में भर्ती करवाया। गंभीर घायल सुनीता देवी पत्नी मेघ सिंह जोगी को जयपुर रैफर किया गया है। अन्य नौ जनों को उपचार कर छुट्टी दे दी गई।
मृतक टीकम जोगी की पत्नी तारा देवी ने बताया कि वह कैलादेवी से दर्शन कर परिवार के साथ घर के लिए लौट रहे थे। थकान होने के कारण उनको नींद आ गई थी। ट्रैक्टर-ट्रॉली ने टक्कर मारी तो टेम्पो चकनाचूर हो गया। इस दौरान एक राहगीर ने पुलिस व एम्बुलेंस को सूचना दी। लेकिन एम्बुलेंस एक घंटे देरी से पहुंची।
इस दौरान एम्बुलेंस चालक ने अनुमति नहीं हेाने की कहकर शव को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया, लेकिन बाद में जब ग्रामीणों ने गुजारिश तब एम्बुलेंस चालक शव को अस्पताल ले जाने केा राजी हुआ।
यह हुए घायल: घायलों में सुनीता देवी पत्नी मेघसिंह, टीकम की माता शकुंतला देवी, मेघसिंह जोगी, राकेश जोगी, अजय जोगी, रविंद्र जोगी, संजू बाई एवं टीकम सिंह के पुत्र दक्ष एवं नक्ष घायल हो गए।

मजदूरी कर करता था जीवन यापन

मृतक के परिजनों ने बताया कि टीकम सिंह मजदूरी कर अपने परिवार का जीवन यापन कर रहा था। उसकी मृत्यु हो जाने के बाद पत्नी तारा देवी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उसकी परिवार की खुशियां काफूर हो गई है। मृतक के दो पुत्र नक्ष एवं दक्ष है। जिनकी उम्र 2 एवं 5 वर्ष है।

ग्रामीणों ने जताया रोष

ग्रामीणों ने एम्बुलेंस के मौके पर देरी से पहुंचने पर रोष जताया। ग्रामीणों ने बताया कि घटना के बाद एम्बुलेंस संचालक को सूचना दी गई थी। लेकिन एम्बुलेंस करीब एक घंटे देरी से पहुंची। जिससे टीकम जोगी समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सका। मृतक टीकम सिंह के बड़े भाई मेघ सिंह जोगी ने बताया कि यदि एम्बुलेंस शीघ्र पहुंच जाती तो टीकम की जान बच सकती थी।

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