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तीन महीने बढ़ा ईएमआई मोराटोरियम, ब्याज दर भी घटाई

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Corona virus ) के बढ़ते संकट के मद्देनजर रिजर्व बैंक ( Reserve Bank’s ) की मौद्रिक नीति ( Monetary Policy ) समिति ने पूंजी की उपलब्धता बढ़ाने और ब्याज दरों ( interest rates ) में कमी लाने के उद्देश्य से रेपो दर ( repo rate ) में 40 आधार अंक की कमी करने का निर्णय लिया है। इस कदम से ईएमआई ( EMI ) का बोझ कुछ कम होगा। साथ ही ईएमआई मोराटोरियम ( EMI Moratorium ) को तीन महीने आगे बढ़ा दिया गया है। कोरोना के लॉकडाउन के बाद से यह तीसरी बार है, जब आरबीआई ने कराहती अर्थव्यवस्था को

May 22, 2020 / 12:01 pm

Narendra Singh Solanki

तीन महीने बढ़ा ईएमआई मोराटोरियम, ब्याज दर भी घटाई

तीन महीने बढ़ा ईएमआई मोराटोरियम, ब्याज दर भी घटाई

कोरोना वायरस के बढ़ते संकट की वजह से समिति की एक विशेष बैठक बुलाई गई और उसमें बहुमत के आधार पर लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि समिति ने कोरोना वायरस की वजह से देश और दुनिया के हालात की समीक्षा की है। कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में मदद के उद्देश्य से रेपो रेट में 40 आधार अंकों की कटौती की गई है। अब रिपो दर 4 प्रतिशत हो गयी है। दास ने कहा कि देश में इस बार मानसून, विनिर्माण , कृषि उपज, कच्चे तेल, धातु आदि की आने वाले दिनों में स्थिति पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि पिछले तीन दिन में समिति ने कोरोना संकट की वजह से बने घरेलू और वैश्विक माहौल की समीक्षा की। लॉकडाउन में यह दूसरी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है। इससे पहले 27 मार्च को रेपो दर में 0.75 फीसदी कटौती की गई थी।
हर तरह की राहत अब तीन महीने और बढ़ी
27 मार्च को किए गए मोराटोरियम को अब तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। तीन महीने के लिए दिए गए हर तरह की राहत को अब और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। यानी मोराटोरियम एक जून से 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है, आपको और तीन महीने के लिए लोन की किस्त टालने का ऑप्शन मिल गया है। इसके अलावा सिडबी को अतिरिक्त फ्लेक्सिबिलिटी का ऐलान किया गया। 90 दिन के टर्म लोन के लिए 90 दिनों का और एक्टेंशन दिया गया है। इससे एमएसएमई सेक्टर को अडिशनल सपॉर्ट मिलेगा।
जीडीपी को लेकर चिंता जताई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी को लेकर चिंता जताई और कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में ग्रोथ नेगेटिव टिरिटरी में रह सकती है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा झटका प्राइवेट कन्जंप्शन को लगा है। कन्ज्यूमर ड्यूरेबल्स का प्रोडक्शन मार्च 2020 में 33 फीसदी घट गया। वहीं मर्केडाइज एक्सपोर्ट 30 साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया है।
पहली छमाही में महंगाई उच्च स्तर
दास ने कहा, साल की पहली छमाही में महंगाई उच्च स्तर पर रह सकती है, लेकिन दूसरी छमाही में इसमें गिरावट आने की उम्मीद है। तीसरी-चौथी छमाही में यह 4 फीसदी से नीचे आ सकती है।
आयात-निर्यात को बढ़ावा
आयात-निर्यात को बढ़ाने के लिए आरबीआई ने कई ऐलान किए। प्रीशिपमेंट और पोस्ट शिपमेंट के लिए एक्सपोर्ट क्रेडिट के परमिसिबल पीरियड को एक साल से बढ़ाकर 15 महीने के लिए कर दिया गया। यूएस डॉलर स्वॉप फसिलिटी के लिए एक्जिम बैंक को 15000 करोड़ रुपए का आवंटन।

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