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जमीनी स्तर की योजनाएं बनें, अभी आय में पीछे हैं किसान

केन्द्रीय कृषि और कल्याण मंत्रालय की ओर से जुलाई 2018 से जून 2019 तक किसानों की मासिक आय का आंकलन किया था। इसके अनुसार राजस्थान में किसान की औसत मासिक आय 12 हजार 520 रुपए है। प्रतिदिन के हिसाब से लगाएं तो एक किसान रोज औसत एक दिहाड़ी मजदूर से ज्यादा नहीं कमा पाता।

Dec 05, 2021 / 01:42 pm

Jaggo Singh Dhaker

farmers

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कोटा. ‘इन्वेस्ट राजस्थान’ के तहत नए साल में कोटा में भी निवेश सम्मेलन प्रस्तावित है। राज्यभर में ऐसे सम्मेलन होंगे। हाड़ौती में कृषि आधारित प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करने की अपार संभावनाएं है। जमीन स्तर पर योजना बनकर उसका क्रियान्वयन हो तो किसानों की आमदनी बढ़ सकती है। केन्द्रीय कृषि और कल्याण मंत्रालय की ओर से जुलाई 2018 से जून 2019 तक किसानों की मासिक आय का आंकलन किया था। इसके अनुसार राजस्थान में किसान की औसत मासिक आय 12 हजार 520 रुपए है। प्रतिदिन के हिसाब से लगाएं तो एक किसान रोज औसत एक दिहाड़ी मजदूर से ज्यादा नहीं कमा पाता। जून 2019 के बाद किसानों की आय का आंकलन नहीं किया गया है। कोटा जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ ने बताया कि जिले में निवेश सम्मेलन के माध्यम से निवेशकों को आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा। कोटा में कई फसलों का अच्छा उत्पादन है, लेकिन यहां प्रसंस्करण यूनिट नहीं होने के कारण किसानों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता।
किसानों की मासिक औसत आय (रूपए में)
अखिल भारतीय स्तर- 10218

मेघालय- 29348
पंजाब-26701
हरियाणा-22841
राजस्थान-12520
मध्यप्रदेश- 8339
उत्तरप्रदेश- 8061
झारखंड-4895

प्रंस्करण यूनिट लगे-
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वर्ष 2020 में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम) की शुरुआत की गई है। इसके लिए वर्ष 2020-2021 से 2022-2023 तक की अवधि के लिए अवधि के लए 500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। कोटा जिले में शहद उत्पादन में युवा रुचि ले रहे हैं, लेकिन अभी एक ही प्रसंस्करण यूनिट है। निजी क्षेत्र में शहद प्रसंस्करण यूनिट स्थापित किए जाने के लिए प्रयास नहीं हुए हैं।
कोटा संभाग में इन प्रसंस्करण यूनिट की दरकार-

सोयाबीन
धनिया

लहसुन
चावल

संतरा

इनमें सुधार की जरूरत
कृषि यंत्रीकरण

सूक्ष्म सिंचाई
एमएसपी

फसल बीमा योजना

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