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पहले एडीएम, फिर एसडीएम ने वार्डों में देखे पेयजल के हाल, अब सरकार से आस

शहर के कुछ वार्डों के नलों में पानी नहीं आने का मामला स्थानीय स्तर से प्रदेश सरकार तक पहुंच चुका है, लेकिन स्थानीय जलदाय विभाग के अभियंताओं सहित जिला प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है, जबकि सुबह उठते ही इन वार्डों को महिला-पुरुषों की दिनचर्या बाल्टी-मटकी लेकर पानी भरने जाने से शुरू हो रही है।

बूंदीJun 03, 2024 / 05:09 pm

पंकज जोशी

पहले एडीएम, फिर एसडीएम ने वार्डों में देखे पेयजल के हाल, अब सरकार से आस

पानी भरते हुए।

बूंदी. शहर के कुछ वार्डों के नलों में पानी नहीं आने का मामला स्थानीय स्तर से प्रदेश सरकार तक पहुंच चुका है, लेकिन स्थानीय जलदाय विभाग के अभियंताओं सहित जिला प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है, जबकि सुबह उठते ही इन वार्डों को महिला-पुरुषों की दिनचर्या बाल्टी-मटकी लेकर पानी भरने जाने से शुरू हो रही है। स्थिति यह है कि उपखण्ड व जिला स्तर के अधिकारी यहां पेयजल की स्थिति से वाकिफ हो चुके है, फिर भी पेयजलापूर्ति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
जानकारी अनुसार शहर के वार्ड 8, 9, 58 एवं 59 में करीब एक पखवाड़े से नलों में कभी आंशिक मात्रा में पानी आता है तो कभी नहीं आता। इसको लेकर लोगों ने जलदाय अभियंताओं सहित जिला प्रशासन को भी अवगत कराया। पेयजल आपूर्ति में सुधार नहीं होने पर प्रदर्शन किया तो जिला कलक्टर ने अतिरिक्त जिला कलक्टर घनश्याम शर्मा को 18 मई को मौके पर भेजा। उन्होंने वार्ड संया 9,59 और 58 में जायजा लिया। उन्होंने माना ने की इन वार्डों में पेयजलापूर्ति नहीं हो रही है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
इसके बाद गत दिनों जिला प्रभारी सचिव के सामने में भी वार्ड 13, 58 व 59 के लोग धरना प्रदर्शन कर नाराजगी जता चुके है, उन्होंने अभियंताओं सहित जिला कलक्टर को भी सुचारू जलापूर्ति करवाने के निर्देश दिए, लेकिन यह भी ढाक के तीन पात रहे। इसके बाद एक जून को जिला प्रशासन के निर्देश पर उपखण्ड अधिकारी ने उक्त वार्डों को पेयजल आपूर्ति के समय में निरीक्षण किया। उनके निरीक्षण के दौरान भी लोगों के घरों के नलों में पानी नहीं आना पाया गया और भी लोगों की नाराजगी झेलने के बाद आश्वासन देकर लौट आए, लेकिन दो जून की पेयजलापूर्ति में कोई सुधार नहीं हुआ।
गुमराह कर रहे अधिकारी
जलदाय विभाग के अभियंताओं द्वारा बार-बार आश्वासन के बाद भी पेयजलआपूर्ति नहीं होने पर लोगों ने मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री मय वाटर कैंपर के साथ शिकायत भेजी है। शिकायत में बताया कि विभाग द्वारा झूठी सूचनाओं को देकर अपने उच्च स्तरीय अधिकारियों को पेयजल आपूर्ति सही होने की बात कही गई है, जबकि समस्या का समाधान नहीं किया गया है।
जिला प्रभारी सचिव के समक्ष 18 मई प्रदर्शन के बाद दूसरे दिन तो पेयजल आपूर्ति सुचारू हो गई थी, लेकिन 20 मई से वार्ड के आखिरी छोर में पेयजल संकट बरकरार है।
मोनिका शेरगढिया, वार्ड 13 पार्षद
वार्ड की जिन गलियों में पानी नहीं आ रहा है उपखण्ड अधिकारी को स्थिति से अवगत कराया, उन्होंने आश्वासन दिया था, फिर भी दूसरे दिन पानी नहीं आया। प्रशासन का कोई भी अधिकारी समस्या का निराकरण नहीं कर पा रहा है।
मीरा सैनी, वार्ड 59 पार्षद
बालचंद पाड़ा क्षेत्र में पिछले एक माह से पेयजलआपूर्ति गड़बड़ाई हुई। कई बार अवगत करा चुके है, कोई भी अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहा है।
मनीष सिसोदिया, वार्ड आठ पार्षद

वार्ड के गणेश बाग इलाके में 28 दिन से पानी नहीं आ रहा है। कई गलियों में तो अभी भी लाइनों का मिलान सही नहीं होने से पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। जिसे दुरस्त किया जाना चाहिए। आगामी कुछ दिनों बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो धरना प्रदर्शन कर चक्काजाम किया जाएगा।
रणजीत नायक, वार्ड 43 पार्षद
कई बार शिकायत व प्रदर्शन के बाद 48 घंटे में मात्र बीस मिनट पानी आ रहा है, जबकि जिला प्रभारी सचिव को चेतावनी देने के बाद आपूर्ति सुचारू हो गई थी, अब वापस पेयजल संकट के हालत बन गई है।
बालकिशन सोनी, वार्ड 34 पार्षद

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