यह एक ऐसी कार्ययोजना है जिसमें स्मार्ट सिटी के विकास के लिए युवा उद्यमी व छात्र आइडिया पर काम करेंगे। इसमें स्थानीय जरूरतों पर जोर दिया जाएगा, ताकि स्मार्ट सिटी विकसित करने की प्रक्रिया में सोशल इम्पैक्ट भी उभरकर आए। इसी के तहत इलाहाबाद में इंडिया स्मार्ट सिटी को-इनोवेशन लैब स्थापित होना है।
8 से 29 साल तक के युवाओं में नवाचारी आइडिया के क्षेत्र में सक्रिय रूप से भागीदार बनाना। उन्हें शहरी जरूरतों के हिसाब से स्मार्ट सॉल्यूशन निकालने के लिए प्रेरित करना। उच्च शिक्षा व्यवस्था को औद्योगिक व प्रौद्योगिक जरूरतों से जोडऩा, ताकि शहर में बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण को बढ़ावा मिले।
जल, ऊर्जा, परिवहन, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल, जलवायु व स्मार्ट कृषि जैसी जरूरतों पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। इसके लिए एआई का प्रयोग किया जाएगा। इंटरनेशनल डवलपमेंट, इनोवेशन एसीलरेशन ग्रुप के निदेशक मानव सुबोध का कहना है कि एक साल में ऐसे 15 से 20 स्टार्टअप स्थापित करने की योजना है।
यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप फोरम के सहयोग से स्थापित किया जाएगा। कैलिफोर्निया और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ इसके मेंटर होंगे। अन्य 10 शहर
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों का कहना है कि बेंगलूरु, पुणे और विशाखाट्टनम की तर्ज पर अन्य शहरों १० शहरों में भी लैब बनेंगे।
अमरीकी उद्यमी डी हॉक कोई भी संस्था काम करने वालों से बनती है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि उसकी इमारत कैसी है। समाधान पद दें जोर
अमरीकी इनोवशन एसीलरेशन ग्रुप सदस्य ईडी आंद्रे मार्किस, तकनीक आने से पहले समस्या समाधान के हल पर जोर देने से होगा न कि उस बारे में केलव चर्चा करने से।
नेशनल इनोवेशन सेंटर (एनआईएफ) इंडिया के प्रतिनिधि व इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के बॉटनी विभाग के प्रोफेसर अनुपम दीक्षित का कहना है कि इलाहाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सिटी इनोवेशन कल्चर (शहरी नवाचार संस्कृति) पर काम चल रहा है। खासतौर से ग्रामीण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, ताकि युवाओं का गांवों से शहरों की ओर पलायन को रोका जा सके।