कार्यस्थल पर असुरक्षित महसूस करती हैं महिलाएं: यौन उत्पीड़न युवा महिला वैज्ञानिकों को ज्यादा प्रभावित करता है, खासतौर से कॅरियर के शुरुआती दिनों में। लगभग आधी महिला वैज्ञानिक अपने संगठनों में कुछ साथी कर्मचारियों से बचती हैं, जबकि 25% कार्यस्थल पर असुरक्षित महसूस करती हैं। 65 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न से निपटने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए जा रहे हैं।
प्रभावी, पारदर्शी रिपोर्टिंग प्रणाली की जरूरत: सर्वेक्षण में शामिल पुरुष और महिला शोधकर्ताओं में से 86 फीसदी ने स्वीकारा कि उन्होंने कार्यस्थल पर यौन दुर्व्यवहार होते हुए देखा है लेकिन सिर्फ 56 फीसदी ने ही इसकी निंदा की। जबकि नकारात्मक प्रभाव या प्रतिशोध के डर से शेष ने इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई। ये परिस्थितियां महिलाओं को विज्ञान के क्षेत्र में आने से रोकेंगी। इसलिए अनुसंधान के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए उन्हें कार्यस्थल पर सुरक्षित महसूस कराना होगा। इसके लिए कार्यस्थलों पर प्रभावी और पारदर्शी आंतरिक रिपोर्टिंग प्रणाली की आवश्यकता है।