यह तुम्हारे बस की बात नहीं एमबीबीएस के बाद मधुलिका ने पीजी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करके ऑर्थोपेडिक सर्जरी के क्षेत्र को चुना। वे कहती हैं कि साथी पुरुष डॉक्टर कहा करते थे कि ये तुम्हारे बस की बात नहीं। तुम्हें स्त्री रोग या फिर शिशु रोग विशेषज्ञ बनना चाहिए। क्या हड्डियों व मांसपेशियों के साथ जिंदगीभर जूझती रहोगी?
महिला डॉक्टरों को मिली नई राह डॉ. मधुलिका कहती हैं कि मैं जीवन में कुछ अलग हटकर करना चाहती थी, इसलिए ऑर्थोपेडिक सर्जरी के क्षेत्र में कदम रखा, जहां पुरुषों का वर्चस्व रहा है। उनके इस क्षेत्र में आने से कई महिला डॉक्टर को नई राह मिली है। फिलहाल वे आदिवासी बाहुल्य जशपुर के जिला अस्पताल में सेवाएं दे रही हैं।