जनवरी में जेडीए ने आदेश जारी कर सेवानिवृत्त कार्मिकों को हटा दिया। हर जोन में इन कर्मिकों की संख्या अच्छी खासी थी। ऐसे में जेडीए का काम ठप हो गया और पिछले चार माह से काम भी गति नहीं पकड़ पा रहा है। अब जेडीए फिर से सेवानिवृत्त कार्मिकों की भर्ती करने की तैयारी कर काम को गति देने की कोशिश में है।
कैडर की फाइल कई माह से घूम रही है। भर्ती प्रक्रिया की फाइल तेजी से चलनी चाहिए। सेवानिवृत्त कार्मिकों को वापस लेने का फैसला ठीक नहीं है। –बाबूलाल मीणा, अध्यक्ष, जेडीए कर्मचारी एवं अधिकारी परिषद
- ऐसे सेवानिवृत्त कार्मिक, जिनकी आयु 64 वर्ष से कम हो।
- पूर्व में प्राधिकरण में सेवाएं दे चुके हैं, उन कार्मिकों के आवेदन स्वीकार नहीं किए
- सेवाकाल के दौरान कोई आपराधिक और अनुशासनिक कार्यवाही विचाराधीन न हो।
प्रशासनिक, अभियांत्रिकी, नगर नियोजन, वित्त शाखा, विधि शाखा, उद्यानिकी शाखा, प्रवर्तन शाखा, सूचना प्रौद्योगिकी सहित अन्य शाखाओं में कार्मिकों का टोटा है।
जेडीए में स्थायी भर्ती की कवायद पिछले ढाई वर्ष से चल रही है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है। अभी स्थिति यह है कि जेडीए सेवा और प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत करीब 650 अधिकारियों और कार्मिकों से ही जेडीए चल रहा है। जबकि, जेडीए में करीब 1922 पद स्वीकृत हैं।