सभी पुष्टीमार्गिय मंदिर हवेलियों में ठाकुरजी का मंदिर मुखिया परिवार बालक की तरह ख्याल रखता है। सुबह उठाने से लेकर रात को शयन तक दिन में पांच बार ठाकुरजी का शृंगार किया जाता है। प्रतिदिन और प्रत्येक शृंगार में ठाकुरजी की मनोहारी छबी दिखाई देती है। इसी छबी को निहारने के लिए विश्वभर के वैष्णवजन मंदिर हवेलियों में पहुंचते है। परंपरानुसार प्रत्येक मौसम में ठाकुरजी की दिनचर्या का बदलाव किया जाता है। ऐसे में अक्षय तृतीया से ठाकुरजी की हवेलियों में प्रवेश करते ही शीतलता का अनुभव होता है। क्योंकि अक्षय तृतीया से ठाकुरजी को गर्मी से बचाने के जतन शुरू हो जाते है। ये जतन अषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष को निकलने वाली जगन्नाथ रथयात्रा तक होते है। इसके बाद फिर शीतल पकवानों को दूर कर दिया जाता है। इसी क्रम में शाजापुर के सोमवारिया बाजार स्थित 350 वर्ष पुरानी श्री गोवर्धननाथ मंदिर हवेली में भी ठाकुरजी की दिनचार्य का बुधवार को अक्षय तृतीया से परिवर्तन किया गया।
शीतलता प्रदान करने के होंगे सभी जतन
सभी पुष्टीमार्गिय मंदिर हवेलियों की तरह सोमवारिया बाजार स्थित श्री गोवर्धननाथ मंदिर हवेली में भी शीतलता प्रदान करने के जतन शुरू हो गए। मंदिर मुखिया पं. सुरेंद्र मेहता ने बताया कि यहां पर अषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि तक ठाकुरजी को श्वेत, हल्के गुलाबी, हल्का पीला सहित शीतलता प्रदान करने वाले सूती वस्त्र पहनाए जाएंगे। इसके साथ ही शृंगार में मोतियों की माला, शीतलता प्रदान करने वाले पुष्पों की माला का उपयोग किया जाएगा। भोग के लिए कैरी का पना, आम का रस, चने की दाल, श्रीखंड, आमखंड, दही, मक्खन, खरबूजा, खस का शर्बत आदि का उपयोग होगा। इसके अतिरिक्त मंदिर हवेलियों में व्यवस्था के अनुसार पंखे, कूलर और एसी भी ठाकुरजी के लिए सतत चालू रखे जाएंगे। वहीं कलशों में भरकर यमुनाजी का पानी रखा जाएगा और फव्वारे भी लगाए जाएंगे। श्री गोवर्धननाथ मंदिर हवेली में ठाकुरजी की दिनचर्या का ध्यान रखते हुए अलग-अलग शृंगार मंदिर मुखिया परिवार के निकुंज मेहता, मुकेश मेहता, योगेश मेहता करेंगे।
एक माह तक अतिरिक्त होगा शृंगार
मंदिर हवेली मुखिया पं. मेहता ने बताया कि वैसे तो प्रतिवर्ष सभी मंदिर हवेलियों में ठाकुरजी को गर्मी से बचाने के लिए करीब दो माह तक प्रक्रिया चलती है, लेकिन इस वर्ष एक ज्येष्ठ माह (अधिकमास) अतिरिक्त होने के कारण ठाकुरजी के शीतल शृंगार का क्रम एक माह ज्यादा चलेगा। इस बार 14 जुलाई को जगन्नाथ रथयात्रा के दिन तक कुल 87 दिनों तक ठाकुरजी को गर्मी से बचाने के लिए छोटे बच्चों की तरह ध्यान रखा जाएगा। इधर शीतलता प्रदान करने वाली मंदिर हवेलियों में प्रतिदिन भक्तों की भी भीड़ ठाकुरजी के दर्शन के लिए पहुंच रही है।