मद्रास उच्च न्यायालय ने लगाई आर्ट ऑफ लिविंग के ध्यान शिविर पर रोक
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै खंडपीठ ने बृहदेश्वर मंदिर में होने वाले आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के ऑर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के दो दिवसीय ध्यान शिविर पर रोक लगा दी है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने लगाई आर्ट ऑफ लिविंग के ध्यान शिविर पर रोक
मदुरै. मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै खंडपीठ ने बृहदेश्वर मंदिर में होने वाले आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के ऑर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के दो दिवसीय ध्यान शिविर पर रोक लगा दी है।
न्यायलय ने ये रोक पूजा स्थान पर निजी आयोजन की अनुमति न देने की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए लगाई है। कुम्भकोणम के याचिकाकर्ता एन वेंकटेश ने याचिका में कहा कि तंजावुर का बृहदेदेश्वर मंदिर लगभग 1000 साल पुराना धार्मिक स्थल है और यूनेस्को विरासत स्थल है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और हिंदू धार्मिक और चेरिटेबल एंडावमेंट्स के अधिकारियों ने संरक्षित स्थल पर तंबू लगाने और निजी कार्यक्रम की अनुमति दी। जो कि गलत है। यहां फाउंडेशन का दो दिवसीय इर्मसिव ध्यान शिविर अनवेलिंग इन्फिनिटी आयोजित होने वाला था। याचिका में कहा गया है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 2016 आर्ट ऑफ लिविंग के यमुना किनारे हुए शिविर की आलोचना की थी और फाउंडेशन पर पांच करोड़ का जुर्माना लगाया था।
न्यायाधीश के.के. शशिधरन और न्यायाधीश पी.डी. आदिकेसवालु ने शिविर पर रोक लगाते हुए जिला प्रशासन को मंदिर में लगाए अस्थायी ढांचे को हटाने के निर्देश दिए।
आर्ट ऑफ लिंविंग के प्रवक्ता का कहना था कि इस तरह के निजी कार्यक्रमों की अनुमति पहले भी दी गई है। जिसे संबंधित अधिकारियों ने नकार दिया। पीठ के निर्णय के बाद फाउंडेशन ने इस शिविर तंजावुर के कावेरी मंडपम नाम के निजी स्थल पर करने की जानकारी दी है।
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