रीवा

मनरेगा में तीन साल से 9 हजार विकास कार्य अधूरे, पांच ब्लाक निर्माण कराने में फिसड्डी

वित्तीय वर्ष 2018 से लेकर अब तक पंचायतों में प्रस्ताविक कार्यो में जगह-जगह कार्य शुरू करने के बाद पूर्ण नहीं किया जा सका। अफसरों के निर्देश के बाद भी ध्यान नहीं दे रहीं पंचायतें
 

रीवाAug 04, 2020 / 07:38 am

Rajesh Patel

MNREGA

रीवा. जिले में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा बेपटरी हो गई है। पंचायतों में श्रमिकों को रोजगार के लिए चल रही योजनाएं बेमानी हैं। मनरेगा के तहत तीन साल पहले से निर्माणाधीन 9 हजार से अधिक कार्य अधूरे पड़े हैं। लॉकडाउन में तीन माह से विशेष अभियान चलाए जाने के बाद भी अधूरे निर्माण कार्य को पूरा नहीं कराया जा सका। जिले में सबसे खराब स्थित पांच ब्लाकों की है। अफसरों के तमाम प्रयास के बाद भी जिम्मेदार लापरवाह बने हैं।
100 करोड़ रुपए लेबर बजट

जिला पंचायत कार्यालय में मनरेगा की प्रगति रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-2019 के बीच 827 ग्राम पंचायतों में कुल 1,23,538 विकास कार्य स्वीकृति किए गए। जिसमें अभी 9,366 निर्माण कार्यो को पूर्ण नहीं कराया जा सका है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास की ओर से हर साल श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च करने के लिए लेबर बजट जारी किया जा रहा है।
50 हजार मानव दिवस कार्य कराने का लक्ष्य

लॉकडाउन के दौरान भी प्रतिदिन 50 हजार मानव दिवस कार्य कराने का लक्ष्य दिया गया है। शासन ने गाइड लाइन तय की है कि पंचायतों में मनरेगा के तहत अधूरे कार्य को पूर्ण कराया जाए। जिससे गांव-गांव लौटे प्रवासियों के साथ ही श्रमिकों को रोजगार दिया जा सके।
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