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नाजुक दौर से गुजर रहीं दुनिया की 40% से ज्यादा लुप्तप्राय भाषाएं

विजुअल कैपिटलिस्ट के डाटा अनुसार हालत यह है कि हर 40 दिन में एक भाषा खत्म हो रही है। अधिकांश लुप्तप्राय भाषाएं स्वदेशी समुदायों में जुड़ी हुई हैं, जिससे उनसे जुड़ी संस्कृति और ज्ञान के नष्ट होने का खतरा भी बना हुआ है। यदि विलुप्ति की वर्तमान दर जारी रही तो अगले 100 वर्षों में 90 प्रतिशत भाषाएं खत्म हो जाएंगी।

Feb 05, 2024 / 12:01 pm

Kiran Kaur

नाजुक दौर से गुजर रहीं दुनिया की 40% से ज्यादा लुप्तप्राय भाषाएं

नाजुक दौर से गुजर रहीं दुनिया की 40% से ज्यादा लुप्तप्राय भाषाएं

नई दिल्ली। दुनियाभर में वर्तमान में 7,168 भाषाएं बोली जाती हैं। लेकिन इनमें से 43 प्रतिशत पर विलुप्ति का संकट मंडरा रहा है क्योंकि इन्हें बोलने वालों की तादाद अब हजार से भी कम है। विजुअल कैपिटलिस्ट के डाटा अनुसार हालत यह है कि हर 40 दिन में एक भाषा खत्म हो रही है। अधिकांश लुप्तप्राय भाषाएं स्वदेशी समुदायों में जुड़ी हुई हैं, जिससे उनसे जुड़ी संस्कृति और ज्ञान के नष्ट होने का खतरा भी बना हुआ है। यदि विलुप्ति की वर्तमान दर जारी रही तो अगले 100 वर्षों में 90 प्रतिशत भाषाएं खत्म हो जाएंगी।
ओशिनिया क्षेत्र में लुप्तप्राय भाषाओं का घनत्व सर्वाधिक:

वर्तमान में 8.8 करोड़ से अधिक लोग लुप्तप्राय भाषाएं बोलते हैं। लुप्तप्राय भाषाओं का मतलब है कि बच्चे न तो इन्हें सीखते हैं और न ही इनका प्रयोग करते हैं। ओशिनिया क्षेत्र में लुप्तप्राय भाषाओं का घनत्व सबसे अधिक है, जहां 733 भाषाएं खतरे में हैं। वहीं अफ्रीका में 428 भाषाएं लुप्तप्राय हैं, जिनमें से कई भूमध्य रेखा के आसपास की हैं। विस्थापन, सूखा और संघर्ष कुछ प्रमुख कारण हैं जिनकी वजह से भाषाओं के खतरे में पड़ने की आशंका है। उत्तरी और मध्य अमरीका में 222 भाषाओं पर विलुप्ति का संकट गहरा है।
पापुआ न्यू गिनी दुनिया का सबसे बहुभाषी देश:

एथेनोलॉग डाटा के अनुसार लगभग 8९ लाख से की आबादी के साथ पापुआ न्यू गिनी दुनिया में सबसे अधिक भाषाओं का घर है। विविधताओं से भरे इस देश में कुल 840 भाषाएं बोली जाती हैं। भाषाओं की संख्या के मामले में इंडोनेशिया दूसरे स्थान पर है। नाइजीरिया, भारत और अमरीका शीर्ष पांच देशों में शामिल हैं। जबकि दुनिया की 23 सबसे प्रमुख भाषाएं ही अब वैश्विक आबादी के 50 प्रतिशत से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती हैं।
भाषाओं को बचाने के लिए पहल
माओरी: 1970 के दशक में सिर्फ पांच फीसदी स्कूली बच्चे माओरी भाषा (खासतौर से न्यूजीलैंड के उत्तरी द्वीप में बोली जाने वाली) बोलते थे। संरक्षण प्रयासों से अब यह प्रतिशत 25 हो गया है।
ओलेलो हवाई: 2,000 लोग 1970 के दशक में हवाई भाषा ओलेलो हवाई बोलते थे। स्थानीय सरकार की ओर से सुनिश्चित करने के बाद कि इसे स्कूलों में पढ़ाया जाए, 2023 में बोलने वालों की संख्या बढ़कर 18,700 हो गई।
एआइ में प्रगति: भाषाओं को संरक्षित करने के लिए एआइ में प्रगति महत्त्वपूर्ण है। गूगल जैसी कंपनियां ऐसे उपकरण बना रही हैं, जो प्रभावशाली गति से भाषाओं का अनुवाद कर सकते हैं जिससे लुप्त हो रही भाषाओं को और अधिक सुलभ बनाया जा सकता है।
दुनिया में सबसे ज्यादा सीखी जाने वाली भाषाएं
1 अंग्रेजी
2 स्पेनिश
3 फ्रेंच
4 जर्मन
5 जापानी
स्रोत: ड्यूलिंगो, अमरीकन एजुकेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी
डाटा: दिसंबर, 2023

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