ये कहा आयोग ने
-उपभोक्ता को जानने का हक है कि उसे कैरी बैग के लिए अलग से दाम देने होंगे।
-आयोग ने यह भी कहा कि उक्त कैरी बैग की विशेषताएं और अतिरिक्त चुकाए जाने वाले दाम को जानने का भी हक है।
-रिटेल स्टोर से खरीदे गए सामान को घर ले जाने के लिए निशुल्क कैरी बैग देना एक सामान्य प्रक्रिया है।
अनुचित कारोबार प्रथा
मामले में आयोग ने कहा कि चूंकि कैरी बैग्स के संबंध में उपभोक्ताओं को प्रवेश द्वार पर पूर्व में सूचना नहीं दी गई थी। इसलिए सामान को ले जाने के लिए कैरी बैग्स की कीमत वसूलना अनुचित कारोबार की प्रथा है, जो गलत है।
उपभोक्ता की आजादी का हनन
उक्त मामले में आयोग के पीठासीन सदस्य दिनेश सिंह ने कहा कि भुगतान के वक्त इस तरह की जानकारी या सूचना उपभोक्ता के लिए शर्मिंदगी का कारण बनती है। साथ ही किसी आउटलेट से सामान खरीदने या न खरीदने की आजादी का हनन भी है।
क्या था मामला
इस मामले में एक उपभोक्ता ने रिटेल स्टोर की ओर से कैश काउंटर पर भुगतान करते समय सामान ले जाने के लिए कैरी बैग मांगने पर 18 रुपए मूल्य अलग से चार्ज करने पर आयोग के समक्ष शिकायत की थी। रिटेल स्टोर की ओर से दायर याचिका पर भी आयोग ने सुनवाई की।