नागौर

अब कोई अपना ठिकाना नहीं छोड़ें, अन्यथा रास्ते में फंस जाएंगे- नागौर कलक्टर

भारत सरकार के आदेशों की पालना में लोगों को जहां है, वहीं रूकने के निर्देश

नागौरMar 30, 2020 / 10:26 pm

shyam choudhary

Nagaur DM press conference

नागौर. जिले में बाहर से आने वाले लोगों का लगभग बंद हो चुका है। भारत सरकार के आदेशानुसार न तो प्रदेश का कोई व्यक्ति बाहर जा पा रहा है और न ही बाहर से कोई प्रदेश में आ पा रहा है। इसलिए कोई व्यक्ति राज्य या जिले का बॉर्डर क्रॉस करने का प्रयास भी नहीं करे। यह बात सोमवार को जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कही। कलक्टर यादव ने कहा कि बाहरी राज्यों जो आए हैं उन्हें 15 दिन तक क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएंगा। यदि कोई व्यक्ति चोरी-छिपे यहां पहुंच भी गया है तो जहां पकड़ा जाएगा, उसे वहीं रोककर क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा, इससे उसको ज्यादा परेशानी होगी, इससे अच्छा है कोई व्यक्ति अपने ठिकाना नहीं छोड़े।
कलक्टर ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले में नागौर जिले की स्थिति काफी अच्छी है, यहां अब तक एक भी पॉजीटिव सामने नहीं आया है। जिले से 19 सैम्पल जांच के लिए भेजे गए थे, सभी नेगेटिव आए हैं। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप भी उपस्थित रहे।
कंट्रोल रूम पर दें परेशानी की सूचना
कलक्टर ने बताया कि खाद्य सामग्री वितरण की व्यवस्था पूरी तरह पटरी पर आ चुकी है, फिर भी यदि कोई परिवार बच गया है तो वह कंट्रोल रूम पर सूचना दे सकते हैं। जिला प्रशासन ने सोमवार को एक और नम्बर 01582-247247 जारी कर दिया है। यह कोरोना वार रूम का नम्बर भी रहेगा। खाने-पीने के अलावा भी यदि कोई समस्या हो तो इस नम्बर पर प्रशासन को सूचना दे सकते हैं।
70 से अधिक वाहन जब्त
नागौर एएसपी रामकुमार कस्वां ने बताया कि पूरे देश में शत-प्रतिशत लॉकडाउन लागू होने से किसी भी प्राइवेट वाहन को जिले में न तो प्रवेश नहीं दिया जा रहा है और न ही बाहर जाने दिया जा रहा है। सोमवार से पुलिस ने जिले में प्रवेश करने वाले सभी 16 रास्तों पर नाकाबंदी कर सील कर दिया। इस दौरान आने वाले करीब 70 निजी वाहनों को जब्त किया गया तथा थांवला थाना क्षेत्र में करीब तीन दर्जन लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है।
जांच के बाद ही दी जा रही खाद्य सामग्री
इस दौरान डीएसओ पार्थ सारथी ने बताया कि जिस भी व्यक्ति को राशन सामग्री देने की मांग की जाती है, पहले उसकी गठित टीम द्वारा पूर्ण जांच की जाती है कि वाकई वह पात्र है या नहीं। जिला कलक्टर यादव ने बताया कि कुछ लोग इस भ्रम में हैं कि सरकार सभी को राशन सामग्री दी जा रही है, जबकि सच यह है कि वाकई जरूरतमंद एवं असहाय को ही खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही है। इसलिए अनावश्यक कोई भी फोन नहीं करें।
लेबर को देना होगा वेतन
कलक्टर यादव ने कहा कि भारत सरकार की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार कोई भी फैक्ट्री मालिक अपनी लेबर को नहीं निकालेगा। साथ ही सम्बन्धित फैक्ट्री मालिक को अपनी लेबर को इस आपदा के दौरान एक माह का वेतन भी देने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार के आदेश की पालना नहीं करने वाले फैक्ट्री मालिक के विरूद्ध डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट में कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर सभी विकास अधिकारियों तथा अधिशासी अधिकारियों को प्राधिकारी नियुक्त किया है।
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