पोस्ट में बताया गया है कि अधिकारी को फोन कर पूछा गया कि क्या आप प्रधानमंत्री से कुछ देर के लिए बात कर सकते हैं। पोस्टकर्ता यूजर ने लिखा, ”उनका दिमाग कुछ समय के लिए जम गया और उन्हें महसूस हुआ कि उनकी टांगें कांप रही थी। उन्होंने बेहद धीमे स्वर में हां कहा। इसके बाद कुछ बीप के बाद कॉल को ट्रांसफर किया गया और उस तरफ मोदी थे।”
पोस्ट में आगे लिखा है कि पीएम का फोन आने से अधिकारी हैरान हो गए। पीएम मोदी ने फोन पर उनसे एनएच-208 को रिपेयर करवाने के लिए मदद मांगी। साथ ही उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें इसके लिए असम तथा त्रिपुरा सरकार से जो भी मदद चाहिए वो मिल जाएगी।
यूजर ने पोस्ट में आगे लिखा, ”अगले दिन जब वे दफ्तर पहुंचे तो उनसे त्रिपुरा सरकार, असम सरकार और भारत सरकार ने संपर्क किया। उन्होंने 15 किलोमीटर हाइवे के लिए फंड जारी कर दिया। इसके बाद अपने स्टाफ के साथ वे हाइवे पर पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि असम सरकार की ओर से भेजी गई 6 जेसीबी वहां खड़ी थीं। अगले चार दिन तक लगभग 300 ट्रकों के जरिए सामान लाया गया और स्थानीय मजदूरों व असम व त्रिपुरा के पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ उन्होंने हाइवे खोल दिया। इसके बाद त्रिपुरा के लिए जरूरी सामान लेकर ट्रक रवाना हुए।”
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में ऐसी खबरें आई थी कि नेशनल हाइवे-208 को रिपेयर करने के लिए त्रिपुरा में आवश्यक सामानों तथा ईंधन की आपूर्ति की गई थी। जिसके बाद इस रोड़ को सही किया गया।
नितिन गड़करी ने भी कहा थैंक्यू
हाईवे खुलने के अगले दिन रोड़ एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गड़करी ने उन्हें फोन कर थैंक्यू कहा। उन्होंने आगे कहा कि नेशनल हाईवे नंबर 44 को जल्द से जल्द रिपेयर किया जाएगा और उन्हें दिल्ली आने पर पीएमओ आने का भी न्योता दिया।
पहले ये थी त्रिपुरा की स्थिति
गौरतलब है कि जुलाई में भारी बारिश के कारण असम-त्रिपुरा नेशनल हाइवे डैमेज हो गया था। यहां ट्रक नहीं पहुंच पा रहे थे। इस कारण त्रिपुरा में पेट्रोल की कीमत 300 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 150 रुपए तक पहुंच गई थी। असम-त्रिपुरा नेशनल हाइवे को त्रिपुरा के लिए लाइफलाइन माना जाता है। उस वक्त असम और त्रिपुरा की सरकार ने केंद्र से मदद भी मांगी थी। इसी हाईवे की मदद के लिए पीएम मोदी ने आईएएस अधिकारी को किया था।