कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता के नुमाइंदे ही गायब
जैसलमेर. राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना के खिलाफ जंग में जन.जन को जोडऩे के लिए जन आंदोलन चलाने का जो ऐलान किया है, वह जैसलमेर मुख्यालय पर सरकारी कार्यक्रम भर बन कर रह गया है। कोरोना के खिलाफ जन जागरुकता संबंधी कार्यक्रमों में आमजन की भागीदारी तो दूर जनप्रतिनिधियों तक का जुड़ाव कम ही देखने में आ रहा है। जिला प्रशासन व नगरपरिषद की ओर से शहर के वार्डों में सिलसिलेवार चलाए जा रहे जन जागरुकता अभियान के बीच सोमवार को हनुमान चैराहा से गड़ीसर सरोवर तक कोरोना बचाव जनजागृति पदयात्रा में यही मंजर देखने को मिला। पूरे कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि के तौर पर केवल नगरपरिषद के सभापति हरिवल्लभ कल्ला ही शामिल रहे। उनके अलावा नगरपरिषद के निर्वाचित पार्षदों से लेकर कोई पूर्व विधायक, प्रमुख, प्रधान आदि नजर नहीं आए। सत्ताधारी कांग्रेस तथा विपक्षी भाजपा कार्यकर्ताओं की भागीदारी भी लगभग शून्य रही। प्रशासन ने भीड़ जुटाने का बंदोबस्त सरकारी व पुलिस अधिकारियों-कार्मिकों, पुलिस, होमगार्ड के कार्मिकों से अवश्य कर लिया। सामाजिक कार्यकर्ताओं के रूप में रोटरी क्लब के कुछ पदाधिकारी जरूरी मौजूद रहे।