scriptतालिबान ने पिता की हत्या कर दी, शरणार्थी शिविर से सर्जन बनने तक की कहानी | Refugee-Turned-Soccer Star And Future Doctor Is The Role Model We need | Patrika News
खास खबर

तालिबान ने पिता की हत्या कर दी, शरणार्थी शिविर से सर्जन बनने तक की कहानी

एक रिफ्यूजी से फुटबॉल खिलाड़ी और अब सर्जन बनने तक की नादिया नदीम की कहानी है प्रेरणा से भरी

जयपुरJul 28, 2021 / 01:41 pm

Mohmad Imran

तालिबान ने पिता की हत्या कर दी, शरणार्थी शिविर से सर्जन बनने तक की कहानी

तालिबान ने पिता की हत्या कर दी, शरणार्थी शिविर से सर्जन बनने तक की कहानी

जब नादिया नदीम 10 वर्ष की थीं तो अफगान सेना में जनरल रहे इनके पिता की तालिबानी चरमपंथियों ने हत्या कर दी। तब नादिया की मां ने अपनी चार बेटियों की जिंदगी बचाने के लिए अफगानिस्तान की अपनी सारी संपत्ति बेचकर एक तस्कर को पैसे दिए ताकि वह उन्हें सुरक्षित ब्रिटेन पहुंचा दे। जब नादिया का परिवार जान का जोखिम उठाकर वहां पहुंचे तो वे यह जानकर हैरान रह गए कि तस्कर ने उन्हें ब्रिटेन की बजाय डेनमार्क के एक शरणार्थी शिविर में पहुंचा दिया था। लेकिन अपनी मिट्टी से दूर इस शिविर में नादिया खतरे से दूर चैन की सांस ले सकती थी। यह कहानी है फुटबॉल खिलाड़ी और जल्द ही डॉक्टर बनने वाली नादिया नदीम की।

तालिबान ने पिता की हत्या कर दी, शरणार्थी शिविर से सर्जन बनने तक की कहानी

नादिया बताती हैं, ‘उस शिविर में बच्चों के खेलने की सुविधा मौजूद थी। मुझे लगा कि मैं फिर से बच्चा बनकर खेल सकती हूं। शिविर में रहते हुए उन्होंने फ्रेंच सीखने के अलावा, सॉकर (फुटबॉल) सीखना भी शुरू कर दिया। उस समय तक वे भी नहीं जानती थीं कि महिलाओं की भी पेशेवर फुटबॉल टीम होती है। वह केवल इतना जानती थीं कि उन्हें इस खेल से प्यार है और वह फुटबॉल में अपना भविष्य देखती थीं।

तालिबान ने पिता की हत्या कर दी, शरणार्थी शिविर से सर्जन बनने तक की कहानी

वह बहुत जबरदस्त खिलाड़ी थीं। नादिया ने शरणार्थी शिविर में कड़ी मेहनत की। अपनी लगन से ही वह आज एक पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी हैं और अपने करियर में अब तक 200 गोल दाग चुकी हैं। नादिया, पोर्टलैंड थॉर्न्स, मैनचेस्टर सिटी और पेरिस सेंट-जर्मेन टीमों के लिए एक स्टार खिलाड़ी रही हैं, जिन्होंने लीग के इतिहास में पहली बार चैंपियनशिप जीतने में मदद की। उनकी कड़ी मेहनत के पीछे प्रेरक शक्ति शरणार्थी शिविर में गरीबी और अभाव की जिंदगी भी थी।

तालिबान ने पिता की हत्या कर दी, शरणार्थी शिविर से सर्जन बनने तक की कहानी

फ़ोर्ब्स की सूची में भी शामिल हुईं
सॉकर में स्ट्राइकर के रूप में शानदार कॅरियर के बाद उन्होंने खेल को अलविदा कह दिया। अब वह एक रिकंस्ट्रक्टिव सर्जन बनने के लिए मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही हैं। नादिया के लिए मानो इतना ही काफी नहीं है, फ्रेंच सीखते-सीखते आज वह 11 भाषाएं धाराप्रवाह बोलती हैं। हाल ही फ़ोर्ब्स ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय खेलों में दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिला खिलड़ियों की सूची में शामिल किया है।

तालिबान ने पिता की हत्या कर दी, शरणार्थी शिविर से सर्जन बनने तक की कहानी
गरीबी का स्वाद चख चुकीं नादिया आज दुनियाभर में कई चैरिटी संगठनों की मदद करती हैं। वे संयुक्त को चैंपियन बनाने और संयुक्त राष्ट्र के एम्बैसेडर के रूप में भी काम कर रही हैं। वह पीएसजी और केलाबु जैसी चैरिटी संस्थाओं के साथ मिलकर दुनियाभर के शरणार्थी शिविरों में स्पोट्र्स क्लब संचालित करती हैं। वह अब तक 10 हजार से अधिक गरीब शरणार्थी बच्चों को इन स्पोट्र्स क्लबों के जरिए खेल से जोड़कर उनका जीवन बदल चुकी हैं।
तालिबान ने पिता की हत्या कर दी, शरणार्थी शिविर से सर्जन बनने तक की कहानी

Home / Special / तालिबान ने पिता की हत्या कर दी, शरणार्थी शिविर से सर्जन बनने तक की कहानी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो