कोरोनाकाल में जब लोग ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे थे, ऐसे में सरिस्का बाघ परियोजना की हरियाली लोगों के लिए ऑक्सीजन की कमी पूरी करने का कार्य कर
रही था।
टाइगर रिजर्व सरिस्का ने अलवर को पर्यटन जिले की पहचान दिलाई। यहां 28 बाघ एवं 200 से ज्यादा पैंथर, तीन भालू हैं। हजारों सांभर, चीतल एवं अन्य वन्यजीव सरिस्का का आकर्षण हैं। बाघ, पैंथर व अन्य वन्यजीवों को देखने देश- विदेश से हर साल 50 हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं।