देश में इस साल डॉक्टरी व नर्सिंग की दो लाख दस हजार सीटों के लिए 24 लाख से ज्यादा आवेदन हुए। वहीं दूसरी तरफ पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार देश के लगभग साढ़े सात लाख से अधिक युवा अलग-अलग देशों में पढ़ाई करने पहुंचे। शिक्षा का स्तर, बेहतर प्लेसमेंट सहित अनेक कारणों से पिछले दस साल में विदेश से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में दो गुना तक बढ़ोतरी हुई है।
युवाओं में डॉक्टर बनने की उम्मीद हर साल बढ़ रही है। वर्ष 2013 तक नीट के लिए जहां लगभग सात लाख आवेदन होते थे। अब आंकड़ा बढकऱ 24 लाख तक पहुंच गया है। केंद्र सरकार आगामी पांच साल में देश के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा पहले ही कर चुकी है।
वर्ष पंजीयन
2013 7,17,127 2014 5,79,707 2015 3,74,386 2016 8,02,594 2017 11,38,890 2018 13,26,725 2019 15,19,375
रोजगार, शिक्षा की गुणवत्ता और अनुसंधान जैसे अनेक कारण है जिससे हमारे छात्र विदेश में जाकर पढ़ाई करने को लालायित रहते हैं। इससे प्रतिभा पलायन के साथ पूंजी का बहाव विदेशों की तरफ होता है। यदि अन्तरराष्ट्रीय स्तर के गुणवत्तापूर्ण संस्थान हम भी तैयार करेंगे तो दुनिया के अन्य देशों से यहां आने वाले विद्यार्थियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो सकती है। -वेदप्रकाश बेनीवाल, कॅरियर सलाहकार, जयपुर