विभागीय अधिकारियों के अनुसार मानसून में छात्र संया के अनुपात में पौधारोपण का लक्ष्य प्रदान किया गया है। लक्ष्य के अनुरूप सभी संस्था प्रधानों को आदेश की अनुपालना में पौधरोपण की तैयारी के लिए निर्देश जारी किए गए है, जिससे प्रदेश को हराभरा बना कर ग्लोबलवार्मिंग के प्रभाव को कम किया जा सके।
●कक्षा 1 से 5 के विद्यार्थी द्वारा 1 पौधा लगाया जाएगा।
● कक्षा 6-12 में पढऩे वाले विद्यार्थी को परिवार के सदस्यों की संया के बराबर पौधे लगाने हैं।
● प्रत्येक अधिकारी,शिक्षक व कर्मचारी द्वारा पॉच पौधे लगाएं जाएंगे।
● आंगनबाड़ी द्वारा न्यूनतम 10 पौधे लगाया जाएगा।
● पौधों को विद्यार्थी गोद लेगा, जिसका रेकॉर्ड संधारण करना होगा।
●मिड डे मील बनने वाले विद्यालय में कीचन गार्डन अनिवार्य,प्रत्येक आंगनबाडी में 10 पौधे लगाए जाने हैं।
●पर्याप्त भूमि वाले विद्यालय परिसर के चारों ओर पौधे लगाने हैं।
●जहां पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं है वे ग्राम पंचायत से संपर्क कर सरकारी जमीन चिह्नित कर वहां पौधरोपण करें।
●ग्राम पंचायत के पास भी जमीन उपलब्ध न हों तो विद्यार्थी अपने घर या खेत में भी पौधारोपण कर सकेंगे।
सरकारी स्कूलों के बच्चे पौध रोपण करेंगे। मानसून सक्रिय होने के साथ ही कक्षा ६ से १२ में पढ़ने वाले विद्यार्थी परिवार के सदस्यों की संख्या के आधार पर पौध लगाएंगे। जिनकी देखभाल वे स्वयं करेंगे। स्कूल शिक्षक इसकी मॉनिटरिंग करेंगे बकायदा इसका रेकॉर्ड संधारण किया जाएगा। बूंदी जिले में ६ लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। सभी संस्था प्रधानों को ग्राम पंचायत की मदद से मनरेगा से गड्ढ़े खुदवा जाने के निर्देश दे दिए है। मानसून सक्रिय होने के साथ ही स्कूल में पौधरोपण का कार्य शुरु कर दिया जाएगा।
राजेंद्र कुमार व्यास,जिला शिक्षा अधिकारी,बूंदी
पौधारोपण अभियान में इस बार पौधों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। विकास अधिकारी ने बताया कि चारदीवारी विहीन विद्यालयों, खेल मैदानों, चारागाह व सार्वजनिक स्थानों पर 200 से अधिक पौधे लगाने की स्थिति में तार फेंसिंग करवाकर पौधों की सुरक्षा की जाएगी। इस संबंध में उन्होंने सभी पंचायत सचिवों व सरपंचों को भी निर्देश जारी किए है। 200 से ज्यादा संख्या में पौधारोपण वाले स्थानों पर मनरेगा मद से पौधों की देखभाल के लिए श्रमिक लगाए जाएंगे तथा पौधों को टेंकरो से पानी भी दिया जाएगा,ताकि अधिक से अधिक पौधे जीवित रह सकें।