एफएटीएफ का दबाव कारगर
उन्होंने कहा कि आतंकवादी गुटों पर दबाव बनाए रखने और साथ ही अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है। अतिवादियों और आतंकवादियों को धन मुहैया कराने पर निगरानी रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एफएटीएफ के निर्णर्यों का उल्लेख करते हुए सेनाध्यक्ष ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय निगरानी से सीमापार आतंकवाद पर अंकुश लगा है। एफएटीएफ यदि और सख्त रवैया अपनाए तो पाकिस्तान को अपनी हरकतों को पूरी तरह छोडऩे पर मजबूर होगा।
पाक पर काली सूची की तलवार
गौरतलब है कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के कारण पाकिस्तान पर एफएटीएफ की काली सूची में आने की तलवार लटक रही है। हाल में पेरिस में आयोजित इस संस्था की बैठक में पाकिस्तान को निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में बनाए रखने का फैसला किया गया था।
चीन भी हो गया है वाकिफ
जनरल नरवणे ने कहा कि हमेशा साथ देने वाला चीन भी पाकिस्तान की सीमापार की गतिविधियों से वाकिफ हो गया है। सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान बड़े पैमाने पर घुसपैठ करवा कर आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा हुआ है। गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाक जम्मू-कश्मीर में बड़ा आतंकी हमला कराने की फिराक में लगा हुआ है।
पाक को चेतावनी
उन्होंने पाक को चेताते हुए कहा कि हमें पाकिस्तानी की आतंकी गतिविधियों के बारे में इनपुट मिलें हैं। हम उन्हें बता देना चाहते है कि हम पाक की बैट कार्रवाई को जवाब देने में सक्षम हैं, और नापाक हरकत होने पर उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
पाक की होगी और हालत खराब
आतंकवादी गतिविधियों के कारण ही पाकिस्तान को एफएटीएफ में ब्लैक लिस्ट में डालने पर विचार किया गया था। लेकिन उसे कुछ समय का मौका दिया गया है। वहीं खबरों की मानें तो उसे ग्रे लिस्ट में डाला जा सकता है। मलेशिया और तुर्की दो देश ऐसे हैं उसे ग्रे लिस्ट में डालने का विऱोध कर रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान को इसके वाबजूद ग्रे लिस्ट में डाला जा सकता है। अगर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया जाता है तो वित्तिय संकट से जूझ रहे पाक की हालत और भी खराब हो सकती है।