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धरती को प्लास्टिक मुक्त करना चाहती है ये किशोरी

-थाइलैंड (thailand) की लिली (#RalynSatidtanasarn) सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को समाप्त करने के लिए कर रही है प्रयास-लिली के कहने पर बैंकॉक (bangkok) के सुपरमार्केट ने सप्ताह में एक दिन प्लास्टिक की थैलियों (plastic bags) का प्रयोग रोक दिया

Nov 03, 2019 / 07:17 pm

pushpesh

धरती को प्लास्टिक मुक्त करना चाहती है ये किशोरी

लिली

जयपुर.

जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को लेकर वैश्विक अभियान शुरू करने वाली स्वीडन की किशोरी गे्रटा थनबर्ग के बाद अब प्लास्टिक के खतरे से धरती को बचाने के लिए थाइलैंड की लिली उम्मीद के रूप में सामने आई हैं। लिली ने 20 सितंबर 2019 को अभियान ‘डाइ-इन’ छेडकऱ पर्यावरण मंत्रालय के सामने विरोध और धरना-प्रदर्शन कर जलवायु संकट के इस बड़े खतरे की ओर सरकार का ध्यान दिलाया। लिली थाइलैंड में प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने की वकालत का चेहरा बनकर उभरी हैं। वह 4 वर्ष से अधिकारियों, नेताओं, कॉर्पोरेट मालिकों और नागरिकों से सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को समाप्त करने के लिए लगातार बात कर रही हैं।
समुद्र तट पर प्लास्टिक कचरा देख विचलित हुईं
पर्यावरण के लिए लिली की चिंता उस वक्त बढ़ी, जब उन्होंने 4 वर्ष पहले एक समुद्र तट पर प्लास्टिक कचरा देखा। हालांकि मासूम बच्ची के सामने शुरू में काफी कठिनाइयां आई, जब वह किसी नेता या अधिकारियों को यह पीड़ा समझाती थीं। मीडिया लिली को थाइलैंड की ग्रेटा की संज्ञा दे रहा है। 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग जलवायु परिवर्तन पर दुनिया का ध्यान दिलाने वाला चेहरा बन गई हैं।
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मैं काफी गुस्से में हूं….
लिली कहती है, लोग बिना सोचे समझे प्लास्टिक के बैग, कैन, बोतलें फेंक देते हैं, जो समुद्री जीवों के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, मैं आशावादी नजरिया रखती हूं, लेकिन मैं काफी गुस्से में हूं, क्योंकि ऐसे तो दुनिया खत्म हो जाएगी।
थाइलैंड ही क्यों?
थाइलैंड दुनिया का छठा सबसे बड़ा समुद्री प्रदूषण फैलाने वाला देश है, जहां प्लास्टिक एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। थाइलैंड में हर व्यक्ति औसतन 3 हजार सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करता है, जो यूरोपीय संघ के देशों की तुलना में 12 गुना अधिक है।

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