एसपी कालूराम रावत के हस्ताक्षर से जारी निलंबन आदेश में बताया गया है कि पूर्व में भी आरोपी कांस्टेबल पालाराम के खिलाफ विभागीय जांच प्रस्तावित है। शनिवार को एक और शिकायत मिलने पर उसे निलंबित कर दिया गया है। निलंबन काल में उक्त कांस्टेबल का मुख्यालय पुलिस लाइन रहेगा। वहीं विभागीय जांच लंबित होने के बावजूद उक्त हैड कांस्टेबल को ड्यूटी पर लगाने को लेकर आंदोलकारी बार-बार सवाल उठाते रहे।
मौजूद लोगों का कहना था कि लगभग सभी चौक-चौराहों के यही हाल हैं। लोगों का आरोप था कि शनिवार को बस स्टैंड के पास टे्रफिक कांस्टेबल पालाराम ने तो रिश्वत मांगने के बाद यहां तक कह दिया कि हमें पैसा ऊपर तक पहुंचाना पड़ता है। कांग्रेस नेता सौरभ राठौड़ ने कहा कि इस तरह के बयान से पुलिस के साथ ही सरकार की छवि भी खराब होती है। इसलिए ऐसे पुलिस वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। आंदोलनकारी लोगों ने कहा कि यदि स्थानीय पुलिस अधिकारी इस कांस्टेबल को निलंबित करने में असमर्थ हैं तो हम सीएम तक यह मांग पहुंचाएंगे।
जंक्शन बस स्टैंड पर जाम लगाकर बैठे लोगों से वार्ता के लिए डीएसपी अंतर सिंह पहुंचे तो लोग नारेबाजी करने लगे। इस दौरान डीएसपी ने लोगों से कहा कि हम बिना सुबूत और गवाह के कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते। आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ कोई बयान देने को तैयार है तो हम तत्काल कार्रवाई कर देंगे। डीएसपी के ऐसा कहते ही कई लोग गवाह बनने को तैयार हो गए। ऐसा माहौल देखकर डीएसपी कुछ देर के लिए वार्ता स्थल से दूर हो गए।
रात करीब पौने आठ बजे डीएसपी अंतर सिंह चक्काजाम स्थल पर दोबारा वार्ता को पहुंचे। इस दौरान काफी समझाइश के बाद भी लोग जब जाम हटाने को तैयार नहीं हुए तो डीएसपी ने कहा कि आप लोग जानबूझकर माहौल बना रहे हो। इस बात पर आंदोलनकारी बिफर पड़े। लोगों का कहना था कि कांस्टेबल ने सरेआम रिश्वत मांगी है, बावजूद पुलिस अफसर उसे बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय सभी पुलिस अधिकारी उसे बचाने के प्रयास में लगे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धरना स्थल पर मौजूद सभी लोग आरोपी कांस्टेबल को निलंबित करने तक आंदोलन जारी करने की जिद पर अड़े रहे। इस दौरान कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण बन गया।
जंक्शन में बस स्टैंड के पास धरना लगाने के बाद देखते ही देखते लोगों की भीड़ जमा हो गई। मौजूद लोगों का कहना था कि ट्रेफिक पुलिसकर्मी बेवजह लोगों को परेशान करते हैं। किसी तरह के कागज कम होने पर लोग जब उसे पूरा करवाने की बात कहते हैं तो ट्रेफिक पुलिसकर्मी लाइसेंस जब्त करके रिश्वत की मांग करते हैं। जो लोग रिश्वत की मांग पूरी कर देते हैं, उसे पुलिसकर्मी छोड़ देते हैं, वहीं जो लोग ऐसा नहीं करते, उनके खिलाफ वह बेवजह की कार्रवाई करते हैं।
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