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यूनिफॉर्म सिविल कोडः भाजपा का बढ़ रहा उत्साह, कांग्रेस बेचैन

सम्प्रदाय विशेष की तरफदारी के आरोपों से घिरी कांग्रेस यूपी चुनाव से ठीक
पहले समान नागरिक संहिता का जिन्न बोतल से बाहर आने पर बेचैन है

Jul 04, 2016 / 09:02 am

सुनील शर्मा

uniform civil code

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नई दिल्ली। सम्प्रदाय विशेष की तरफदारी के आरोपों से घिरी कांग्रेस यूपी चुनाव से ठीक पहले समान नागरिक संहिता का जिन्न बोतल से बाहर आने पर बेचैन है। चुनावी जंग में एक के बाद एक पराजय से परेशान पार्टी का मानना है कि इस मुद्दे को हवा मिली तो पार्टी की उत्तर प्रदेश में जमीन तलाशने की कोशिशों पर पानी फिर सकता है।

चुनावी लिहाज से बेहद संवेदनशील इस मुद्दे पर नेतृत्व ने फिलहाल देखो और इंतजार करो की नीति के साथ पार्टी नेताओं को आगाह किया है कि वे इस पर प्रतिक्रिया देने से बचें। दूसरी ओर लव जिहाद तथा गोकशी जैसे विवादों को हवा देने से उदारवादियों के निशाने पर आई भाजपा इसे उत्तरप्रदेश में चुनावी जीत का शर्तिया फार्मूला मानकर चुनाव अभियान के दौरान गैर भाजपाई पार्टियों को अपना रुख साफ करने के लिए मजबूर करने का पासा फेंकने की तैयारी में है।

चिट्ठी को चुनावी पैंतरा मानती है कांग्रेस

मध्यभारत के एक राज्य के प्रभारी महासचिव के अनुसार सरकार के दो साल के विफल कामकाज से जनता के बीच बन रही नकारात्मक छवि से परेशान भाजपा जानबूझकर इस मुद्दे को हवा दे रही है। लव जिहाद, गाय और कैराना के झूठ के चलते उदारवादियों की आलोचना झेल रही भाजपा के नेतृत्व को स्पष्ट दिख रहा है कि इन मुद्दों पर वोटों का ध्रुवीकरण उत्तरप्रदेश में पार्टी की सम्भावनाओं को धूल में मिला सकता है।

यूपी में पूरी तरह चुनावी माहौल में उतर चुकी भाजपा के प्रादेशिक नेताओं तथा जमीन से मिल रही विभिन्न रिपोर्ट नेतृत्व को स्पष्ट संकेत दे रही है कि यूपी में जीत का परचम किसी ऐसे मुद़दे के साथ फहराया जा सकता है जिसे अधिकांश लोगों का समर्थन प्राप्त हो। समान नागरिक संहिता को ऐसा मुद्दा मानकर ही सरकार ने विधि आयोग को चिट्ठी लिखी है। महासचिव के अनुसार पार्टी का यह कदम चुनावी फायदा लेना है।

कांग्रेस के लिए इधर कुआं, उधर खाई
पार्टी के प्रवक्ता मंडल में शामिल एक पूर्व केन्द्रीय मंत्री का कहना है कि इसी मुददे पर कांग्रेस गलत रास्ते पर आगे बढ़ी और उसकी हालत माया मिली न राम वाली हो गई। पार्टी की सरकार ने मुस्लिमों को साधने के लिए शाहबानों मामले में संविधान संशोधन किया तो हिंदुओं को साधने के लिए राम मंदिर का ताला खुलवाया। उसके बाद फिर कभी केन्द्र में कांग्रेस की स्पष्ट बहुमत वाली सरकार नहीं बनी। आज भी कांग्रेस करीब तीस साल पहले की स्थिति में ही है।

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