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Ayodhya verdict : जब हाशिम अंसारी ने कहा, रामलला को आजाद देखना चाहता हूं

locationजयपुरPublished: Nov 10, 2019 04:08:26 pm

Submitted by:

pushpesh

-मुस्लिम पक्षकार (muslim party) रहे अंसारी (hashim ansari) ने मरने से पहले इच्छा जताई थी-कहा था-रामलला तिरपाल में रहें (ramlala in tarpaulin) और उन पर राजनीति करने वाले महलों में
 

Ayodhya verdict : जब हाशिम अंसारी ने कहा, रामलला को आजाद देखना चाहता हूं

हाशिम अंसारी

जयपुर.

अयोध्या पर फैसला आ गया है। लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि मुस्लिम पक्षकार रहे हाशिम अंसारी ने मरने से पहले यह कहकर चौंका दिया था कि मैं अब रामलला को आजाद देखना चाहता हूं। 65 वर्ष पक्षकार रहे अंसारी का दिसंबर 2014 में आया बयान मुस्लिम कट्टरपंथियों को नागवार गुजरा था। उम्र के आखिरी पड़ाव में हाशिम अंसारी को अहसास हो गया था कि इस लड़ाई में सत्य की ही विजय होगी। उन्होंने कहा, राम तिरपाल में रहें और उनके नाम की राजनीति करने वाले महलों में, लोग लड्डू खाएं और रामलला इलायची दाना…यह नहीं हो सकता। मरने से पहले मैं रामलला को आजाद देखना चाहता हूं। अक्टूबर 2016 में मौत से पहले हाशिम ने मुकदमे की पैरवी की विरासत बेटे इकबाल अंसारी को सौंप दी थी। पिता के बाद मुकदमा लड़ रहे इकबाल अंसारी ने खुले मन से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। पहली बार 1885 में मामला जिला अदालत में लाया गया था, जब महंत रघुबर दास ने मस्जिद परिसर में मंदिर निर्माण के लिए याचिका दायर की थी। इसके बाद 1949 में विवादित ढांचे में रामलला की मूर्ति मिलने के बाद हाशिम फैजाबाद कोर्ट में इस मामले को ले गए थे। हिंदू पक्षकार दिगंबर अखाड़ा के महंत रामचंद्रदास परमहंस थे।
पक्ष अलग, लेकिन दोस्ती पक्की (hashim ansari -ramchandra paramhans)
हाशिम अंसारी और रामचंद्रदास परमहंस ने वर्षों मुस्लिम और हिंदू पक्ष से मुकदमा लड़ा, लेकिन उनकी दोस्ती आखिरी वक्त तक चर्चा बनी रही। रामचंद्रदास की मौत के बाद अखबारों में उनकी दोस्ती की चर्चा सुर्खियों में रही। दोनों एक साथ तांगे या रिक्शे में कोर्ट जाते थे और गरमागरम बहस के बाद बाहर आते ही गले मिल जाते थे, साथ चाय पीते थे। उन्होंने विवाद या मुकदमे की छाया कभी अपने रिश्तों पर नहीं पडऩे दी। रामचंद्रदास की मौत का समाचार सुनकर हाशिम को बड़ा झटका लगा था।
विदेशी विद्वानों ने भी किया भगवान राम का उल्लेख
सूर्यवंशी राजाओं की राजधानी रहे अयोध्या में भगवान राम उनके वंशजों का उल्लेख विदेशी लेखकों ने भी समय-समय पर किया है। अंग्रेजी लेखक विलियम फॉस्टर (William Z. Foster) ने अपनी पुस्तक ‘अर्ली ट्रेवल्स इन इंडिया’ में भगवान राम और अयोध्या का उल्लेख किया है। इसी तरह 1608 से 1611 के बीच भारत की यात्रा करने के बाद विलियम फिंच (british -william finch) ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जिक्र किया है।
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