जबलपुर

गूगल पर मिला दुनिया का सबसे छोटा किला, वीडियो में आप भी देखें

गूगल पर मिला दुनिया का सबसे छोटा किला, वीडियो में आप भी देखें
 

जबलपुरJun 25, 2018 / 04:13 pm

Lalit kostha

World smallest fort search by google in india

जबलपुर। आज हर सवाल का जवाब पाने के लिए लोग गूगल का सहारा लेते हैं। गूगल पर शायद ही दुनिया की कोई ऐसी चीज होगी जो मौजूद नहीं है। यहां सुई की नोंक से लेकर एरोप्लेन बनाने तक के वीडियो व अन्य जानकारियां भरी पड़ी हैं। वहीं पर्यटन क्षेत्र में गूगल का कोई सानी नहीं है। पयर्टक अक्सर गूगल मैप की सहायता से ऐसे ऐसे पयर्टन क्षेत्र खोज लेते हैं जो उनकी जानकारी तक में नहीं होते हैं।

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जबलपुर शहर में भी पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। केवल इन्हें प्रचारित करने की आवश्यकता है। कुछ ऐसा ही हुआ है रविवार को। जब दिल्ली से आए कुछ लोगों को ये पता चला कि जबलपुर में दुनिया का सबसे छोटा किला मौजूद हैं और उसका निर्माण कराने वाली रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस है। तो उन्होंने गूगल की मदद से किले की लोकेशन खोजी और पहुंच गए मदन महल की पहाड़ी पर। जहां का नजारा देखकर वे अपने को कहने से नहीं रोक पाए कि सच में रानी की दुनिया बहुत समृद्ध और वैभवशाली थी।

 

गूगल पर जबलपुर के पर्यटन स्थलों को सर्च किया और युवाओं की यह टोली यहां घूमने पहुंचे। रविवार को मदन महल किला में आम दिनों की अपेक्षा अधिक चहल-पहल रही। दिल्ली, गाजियाबाद से आए पर्यटकों ने बताया कि उन्होंने जबलपुर के पर्यटन स्थलों के बारे में सुना था। आने से पहले गूगल पर सर्च किया और यहां खिंचे चले गए। मदन महल का किला देखकर सभी बेहद खुश हुए। कहा कि प्राकृतिक वादियों के बीच स्थित इस किले की इंजीनियरिंग भी कमाल है। एेतिहासिक किले पर सभी ने खूब ग्रुफी और सेल्फी भी ली।

 

मिला है दुनिया के सबसे छोटे किले का ताज

मध्यप्रदेश टूरिज्म की गलियों में आज रुख करते हैं एक ऐसे स्थान की ओर जो ऐतिहासिक होने के साथ ही इंजीनियर्स के हुनर का ऐसा नमूना है, जिसे आज के आधुनिक युग में भी देखते ही बनता है। इतिहासकार इसे विश्व के सबसे छोटे किले की भी संज्ञा देते हैं। हालांकि इस ओर रिसर्च जारी है। जी हां हम आपको सैर करा रहे हैं रानी दुर्गावती के प्रिय स्थानों में से एक मदन-महल किले की। मदन महल किला महज किला ही नहीं वॉच टावर भी है।

दरअसल, मदन शाह द्वारा निर्मित मदन महल नष्ट हो चुका है। वर्तमान में जो स्वरूप मौजूद है वह महल के पास बनाया गया वॉच टावर है, जो ऊंचाई पर होने के चलते देखरेख के काम आता था। इतिहास विद बताते हैं कि इस चौकी का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ है। लेकिन आज इसे किला कहकर ही संबोधित किया जाता है।


1740-45 तक मौजूद था महल
इतिहास विद राजकुमार गुप्ता ने बताया कि मदनमहल राजा मदन शाह ने बनवाया था। जो 1740-45 ईस्वी तक मौजूद था। अब केवल अवशेष रह गए हैं, जबकि तीन मंजिला वॉच टावर 14वीं शताब्दी में बनाया गया था। जहां सैनिक रहकर निगरानी करते थे। महल के प्रवेश द्वार के पास बनाए गए इस टावर में एक सुरंग थी, जो जंगल के रास्ते खुलती थी। इसका प्रयोग महल से गुप्त रूप से निकलने के लिए किया जाता था। यह पहाड़ी के नीचे तक बनी थी। इसके अतिरिक्त किले के ऊपरी छोर पर चढऩे के बाद दिखने वाला शहर का मनोरम नजारा बेहद लाजवाब नजर आता है जो कि आकर्षण का केंद्र है।

कैसे पहुंचे
मदनमहल किला पहाडिय़ों पर स्थित है। यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। किले के समीप ही स्थित शारदा मंदिर रोड तक दो पहिया, चार पहिया वाहन पहुंच सकते हैं, लेकिन बांकी रास्ता आपको पैदल ही तय करना होगा। जबलपुर शहर पहुंचने के लिए रेल, सड़क और हवाई तीनों ही मार्ग उपलब्ध हैं।

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